विशेष :

राम कब लौटेंगे अयोध्या?

User Rating: 5 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Active
 

Ram Ayodhya

लाखों वर्ष पहले 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करने के उपरान्त प्रभु श्रीराम के अयोध्या आगमन की खुशी में प्रत्येक घर में उत्सव मनाया गया था। सम्पूर्ण नगर प्रकाश से जगमगा गया था। हम आज भी उन्हीं परम्पराओं का निर्वाह करते हुए दीपावली मना रहे हैं। रावण पर विजय के प्रतीक के रूप में विजयादशमी को मना रहे हैं।.... लेकिन यदि गम्भीरता से विचार करें तो ऐसा लगता है कि हम इन परम्पराओं को सिर्फ ढो रहे हैं। ‘उत्सव’ से उत्साह का भाव लुप्त हो चुका है और यह सिर्फ ‘प्रदर्शन’ का माध्यम बनकर रह गया है। इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि समाज और देश में अब न तो राम जैसे आदर्श हैं, न ही अयोध्यावासियों जैसा ‘भाव’।

स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय महात्मा गान्धी ने रामराज्य की कल्पना की थी। गान्धी जी के साथ यह विचार भी चला गया और रामराज्य की कल्पना पुस्तकों के पृष्ठों में ही सिमटकर रह गई। क्या आज के सत्ताधीशों से रामराज्य की आशा की जा सकती है? क्या आज के नेता अथवा मन्त्री कह सकते हैं कि- जो अनीति कछु भासों भाई, तो मोहि बरजहु भय बिसराई। अर्थात् यदि मैं कुछ अनीति की बात कहूँ अथवा नीति विरुद्ध आचरण करूँ तो आप मुझे बिना किसी भय और संकोच के रोक देना। यदि आज किसी ने गलती से ऐसा कह दिया तो हमारे नेता उसे प्रताड़ित करने से नहीं चूकेंगे। रामराज्य में प्रजा निरोग रहती थी और कोई भूखा नहीं सोता था। लेकिन आज अमीर और गरीब के बीच खाई निरन्तर चौड़ी होती जा रही है और अन्नदाता किसान को आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ रहा है। देशवासियों से ज्यादा सरकार को आर्थिक वृद्धि दर की चिन्ता रहती है। जितनी राशि विकास के लिए खर्च की जाती है, उससे कहीं ज्यादा धन घोटालों के माध्यम से नेताओं की जेब में पहुँच जाता है। टैक्स के रूप में अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा देने वाली जनता केवल हाथ मलती रह जाती है या यूं कहें कि उसके पास इसके अलावा कोई चारा नहीं होता। मर्यादा पुरुषोत्तम राम जहाँ कहते हैं- जन्मभूमि मम परम सुहावनि.... अर्थात् जन्मभूमि मुझे सबसे प्रिय है। वहीं आज क्या हो रहा है? देश का अरबों-खरबों रूपया विदेशी बैंकों की शोभा बढ़ा रहा है। ज्ञात होने के बाद भी उस काले धन को लाने के लिए सार्थक प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

आखिर कैसे मनें दीपावली-दशहरा और कैसे लौटें ‘राम’ अयोध्या? प्रश्‍न गम्भीर हो सकता है परन्तु कठिन नहीं। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने भीतर से अहंकार, स्वार्थ, लालच, लोभ, ईर्ष्या, द्वेष जैसे ’रावण’ को बाहर निकालना होगा और देशप्रेम, सद्भावना रूपी ‘राम’ को जगाना होगा। यदि हम स्वयं में परिवर्तन कर पाएं तो बाहर की बुराइयों से डटकर लड़ सकेंगे क्योंकि तब हमारे भीतर भय का भाव नहीं रहेगा। और तभी हम वास्तविक रूप में दशहरा और दीपावली मना पाऐंगे। तभी दीपावली के प्रकाश में दिव्यता का भाव होगा और तभी ‘राम’ अयोध्या लौट सकेंगे। हमें उस दिन की प्रतीक्षा रहेगी जब तुलसीदास की तरह सब कहेंगे- प्रभु बिलोकि हरसे पुरवासी.....। - वृजेन्द्रसिंह झाला

When will Ram Return to Ayodhya? | Prabhu Shriram | Ayodhya | Deepawali | Vijyadashmi | Maryada Purushottam Ram | Ego | Selfishness | Rawan | Patriotism | Good Faith | Tulsidas | Vedic Motivational Speech & Vedas explained (Introduction to the Vedas, Explanation of Vedas & Vaidik Mantras in Hindi) for Dadri - Ponnani - Bilaspur | Newspaper, Vedic Articles & Hindi Magazine Divya Yug in Dagshai - Poolambadi - Chamba | दिव्ययुग | दिव्य युग |


स्वागत योग्य है नागरिकता संशोधन अधिनियम
Support for CAA & NRC

राष्ट्र कभी धर्म निरपेक्ष नहीं हो सकता - 2

मजहब ही सिखाता है आपस में बैर करना

बलात्कारी को जिन्दा जला दो - धर्मशास्त्रों का विधान