इस दुनिया में क्या कुछ भी शार्टकट से हासिल किया जा सकता है? ज्यादातर का जवाब होगा, नहीं। अगर हम इसका जवाब हाँ में कहें, तो कइयों को अजीब लग सकता है, जो कि सही भी है। शार्टकट से अगर किसी को सफलता मिलती है, तो वह शार्ट अर्थात थोड़े समय के लिए ही मिलती है। लेकिन यह स्पष्ट किया जा रहा हैं कि शार्टकट का रास्ता बहुत खतरनाक और दु:खदायी होता है। इससे यह प्रमाणित होता है कि आपको कुछ पाने के लिए मेहनत तो करनी ही पड़ेगी। अब इसी की तर्ज पर भारतीय बाजार और समाज की बात करते हैं, जहाँ चीजें मुफ्त में देने की परम्परा चल निकली है।
बाजार में यह व्यवस्था कुछ देर तक तो चल सकती है स्थायी तौर पर नहीं। लेकिन जीवन में यह सम्भव नहीं। दुनिया में कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता। यह बात व्यापारियों की समझ में नहीं आएगी, ग्राहक को समझ लेनी चाहिए। जीवन में बिना मेहनत के कुछ भी पाना सम्भव नहीं है, यह बात एक अच्छे इन्सान को समझ लेनी चाहिए। आप तीर से निशाना साध सकते हैं, तुक्के से नहीं। इसीलिए कहा भी गया है कि जो चल गया वो तीर और नहीं चला तो तुक्का।
यही वजह है कि परीक्षा में अव्वल आने के लिए, अपना कैरियर सही दिशा में पाने के लिए और नौकरी पाने के लिए आपको कुछ न कुछ असाधारण करके दिखाना ही पड़ता है। मुफ्त पाने के चक्कर में ग्राहक को कभी अच्छी चीज (क्वालिटी) नहीं मिलती। नौकरी पाने के लिए जुगाड़ के दम पर थोड़ी देर के लिए आपको सफलता मिल जाएगी, परन्तु वह शार्टकट वाली ही होगी। स्थायी सफलता तो मेहनत से ही मिलेगी।
शार्टकट से अर्थात जुए से या अन्य अवैध कामों से करोड़ों रुपया कमाने वाले व्यापारी थोड़े ही समय में सब कुछ गंवा देते हैं या बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। उनसे अच्छे हैं वे मजदूर या वह आम इन्सान जो मेहनत करता है और रात को बिना किसी फिक्र और बीमारी का डर दिल से निकालकर सोता है। जिसने अपने पास करोड़ों रुपया अवैध रूप से कमाकर रखा हुआ है, उसे नीन्द ही नहीं आती।
जिस छात्र ने मेहनत करके सर्वाधिक अंक लेकर परीक्षा पास की है, उसे कोई डर नहीं होता। वह एक बार नहीं चुना जाता, दो बार नहीं चुना जाता, तीन बार नहीं चुना जाता, लेकिन शार्टकट पर नहीं चलता, तो पांचवी बार चुन ही लिया जाता है। मेहनत का फल देर से मिलता है, लेकिन मेहनत का फल खाने के लिए धैर्य रखना पड़ता है। किसान खेत में बीज डालता है, तो पहले ही दिन फसल नहीं तैयार हो जाती। कई महीनों के बाद फसल तैयार होती है। इन्सान यही समझ ले कि शार्टकट से सब कुछ तबाह हो जाएगा या परिणाम क्षणिक होगा। परन्तु स्थायी सफलता के लिए मेहनत और ईमानदारी के साथ-साथ सत्यता पर चलना होगा। यही एक अच्छे इन्सान की पहचान है। - प्रस्तुति- कु. भावना पहल (दिव्ययुग - जून 2014)