विशेष :

राम, रामायण और रामसेतु कल्पना नहीं (5)

User Rating: 0 / 5

Star InactiveStar InactiveStar InactiveStar InactiveStar Inactive
 

Ram Ramayana and Ram Setu are not Imagined

विद्वान बताएं कि अफ्रीका के देशों के नाम माली और सोमालिया क्यों पड़े और कब पड़े? मिश्र और नील नदी का नाम कब और क्यों पड़ा? मैक्सिको में भारतीय मानव नस्ल व पशु नस्ल तथा संस्कृति किस काल में गई? विश्‍व के आदिग्रन्थ रामायण में तो सुमाली व माल्यवान के रसातल जाने तथा बसने का उल्लेख है और क्यों गये इसका कारण भी बताया है। स्पेनवासियों ने भी अमरीका के द्वीपों का नाम वेष्टइण्डीज (पश्‍चिम भारत) दिया है। इसी वेष्टइण्डीज के एक द्वीप पर हेती नामक देश बसा है। यह नाम आदि राक्षस हेती का है। वेस्टइण्डीज, माली और सोमालिया, इथोपिया के हब्शियों की ऊंचाई औसत 6 फीट 3 इंच है। चारों स्थानों के हब्शी ओलंपिक में स्वर्ण पदक पाते हैं। ये सामान्य अमरीकी गोरों से अधिक ऊँचे हैं। अमरीकी ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता इन्हीं में से आते हैं। ये अपने देश की भाषा के साथ स्वाहिली भाषा का भी उपयोग करते हैं, जो सोमालिया में बोली जाती है। ये अमरीका में गुलाम बनाकर ले जाए गए थे। वर्तमान अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इन्हीं में से हैं।

बहुत लम्बे समय तक रसातल में निवास करने के बाद माली और माल्यवान भारत लौटे। अफ्रीका निवास के समय स्थानीय लोगों के संपर्क से इनमें मानव भक्षण की कुरीति तथा आर्यों के गौर वर्ण में काले रंग का प्रभाव आया। भारत लौटकर सुमाली ने अपनी पुत्री कैकसी का विवाह विश्रवा मुनि से कर दिया जिससे रावण, कुम्भकर्ण, विभीषण और शूर्पणखा का जन्म हुआ। (वाल्मीकि रामायण उत्तरकाण्ड आठवां सर्ग 29वां श्‍लोक एवं उत्तकाण्ड 9वां सर्ग)

आश्‍चर्य की बात यह है कि इन स्वाहिली भाषा बोलने वाले हब्शियों के दस गाँव गुजरात के जूनागढ़ में भी है। ये गुजराती मिश्रित स्वाहिली बोलते हैं। ये गुजरात में आकर कब बसे, इसका कोई लिखित प्रमाण नहीं है। किन्तु सबसे बड़ा प्रमाण वाल्मीकि की रामायण है। आज गुजरात की मोदी सरकार इन्हीं हब्शियों में से खिलाड़ी तैयार कर रही है। रावण महत्वाकांक्षी था, एक बड़े साम्राज्य की स्थापना के उद्देश्य से वह गोकर्ण क्षेत्र (गुजरात) में आया और तप करने लगा। सेना संग्रह कर रावण लंका में अपने भाई कुबेर के पास पहुंचा और कुबेर से लंका छीन ली। अब रावण ने भारत विजय की योजना बनाई। रावण की सेना में सवा छः फीट ऊँचे सोमालिया के हब्शी बड़ी संख्या में थे। लंका से जहाजों में युद्ध सामग्री भर रावण गुजरात आता, यहाँ आधार शिविर बनाता और युद्ध अभियान पर निकल पड़ता।

रावण का पहला आक्रमण कुबेर की अलकापुरी पर हुआ, जो हिमालय पार तिब्बत में थी। यहाँ विजय पाकर उसने कैलाश पर आक्रमण कर दिया। शिव के सेनापति नन्दी को हराकर रावण लौट पड़ा व मैदानों में अयोध्या के राजा अनरण्य पर आक्रमण कर दिया। अनरण्य मारे गये और रावण ने पश्‍चिम की ओर यम के प्रदेश पर आक्रमण कर दिया।

यम के राज्य का वर्णन करते हुए वाल्मीकि ने वहाँ खारे जल से भरी नदी तथा तपती बालू रेत का वर्णन किया है। प्यास से तड़पते लोगों द्वारा थोड़े से जल की याचना करने विषयक लिखा है। यमुना नदी को यम की बहन बताया गया है और स्वयं यम को सूर्यपुत्र कहा है।

ये सभी बातें राजस्थान के जोधपुर से मिलती हैं। यमुना राजस्थान के पूर्व की ओर बहती है। जोधपुर के निकट से खारे पानी की विश्‍व की एकमात्र लूणी नदी निकलती है। राजस्थान में लवण को लूण कहते हैं। यह नदी नमक की झील सांभर से निकलती है। तपती बालू रेत भी यहाँ है, पानी की अत्यंत कमी है। जोधपुर को सूर्य नगरी भी कहा गया है। इस प्रकार वाल्मीकि द्वारा वर्णित यम प्रदेश यह मारवाड़ (जोधपुर) ही है। यम को जीतकर रावण यहाँ से निवात कवचों की विजय पर निकला। निवात कवच सिन्ध के रहने वाले थे और विकराल शरीर वाले योद्धा थे। अयोध्या से चलकर जोधपुर (राजस्थान) और यहाँ से ठीक पश्‍चिम सिन्ध प्रदेश आता है। (वाल्मीकि रामायण उत्तरकाण्ड 15 वें सर्ग से 22 वें सर्ग तक) (क्रमशः) - रामसिंह शेखावत

Mali and Mallywan returned to India after living in the abyss for a long time. During the time of Africa's residence, due to contact with the local people, the evil of human consumption and the black color in the Gaur varna of the Aryans came into effect.

Ram Ramayan and Ram Sethu Kalpana No. 5 | Indian Human Race | Country Language | Human Digestion | Ramayana of Valmiki | Establishment of Empire | Plan of India Victory | Uttarkanda | Ram Singh Shekhawat | Vedic Motivational Speech & Vedas Explained (Introduction to the Vedas, Explanation of Vedas & Vaidik Mantras in Hindi) for Lohardaga - Khanpur - Punahana Mewat | Newspaper, Vedic Articles & Hindi Magazine Divya Yug in Loharu - Walani - Taoru Mewat | दिव्ययुग | दिव्य युग