सत्पुरुष - वह मनुष्य है, जो कि दूसरों का उपकार करे और कभी जबान पर अपकार करने की बात न लावे।
गुणवान - वह है, जो सदा विद्या की खोज और विचार में रहता है।
धैर्यवान - वह है, जो सुख-दुःख, धन, हानि और मान-अपमान में सामान्य रहता है।
रूपवान - वह मनुष्य है, जो विद्या और नम्रता, लज्जा, सत्यशीलता तथा धर्म के सद्गुणों से अलंकृत हो।
बुद्धिमान - वह है, जो समय का रंग देखकर काम करता है।
विचारवान - वह है, जो अपने अवगुणों और दूसरों के गुणों को याद रखता और कोई वचन बिना सोचे-समझे मुख से नहीं निकालता।
ज्ञानी - वह है, जिसके मन में संसार के सुख-दुःख से विकार उत्पन्न नहीं होता तथा जो सत्-असत् का ज्ञाता हो।
सन्तुष्ट - वह है, जो किसी आशा से बद्ध नहीं।
बलवान - वह है, जो इन्द्रियों के प्रबल वेग को रोके।
सबका प्रिय - वह है, जो केवल अपना लाभ और स्वार्थ नहीं विचारता।
भाग्यवान - वह है, जिसकी दशा देखकर ज्ञानियों को भय हो।
Good Virtue | Thank Others | Talented | Patient | Fashionable | Intelligent | Thinker | Mage | Satisfy | Strong | Your Profit and Selfishness | So Blessed | Fear of Enlightens | Vedic Motivational Speech in Hindi by Vaidik Motivational Speaker Acharya Dr. Sanjay Dev for Joura - Thiruppanandal - Dhatav | News Portal - Divyayug News Paper, Current Articles & Magazine Jowai - Thiruthuraipoondi - Digdoh | दिव्ययुग | दिव्य युग