विशेष :

गुणी सत्पुरुष

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सत्पुरुष - वह मनुष्य है, जो कि दूसरों का उपकार करे और कभी जबान पर अपकार करने की बात न लावे।
गुणवान - वह है, जो सदा विद्या की खोज और विचार में रहता है।
धैर्यवान - वह है, जो सुख-दुःख, धन, हानि और मान-अपमान में सामान्य रहता है।
रूपवान - वह मनुष्य है, जो विद्या और नम्रता, लज्जा, सत्यशीलता तथा धर्म के सद्गुणों से अलंकृत हो।
बुद्धिमान - वह है, जो समय का रंग देखकर काम करता है।
विचारवान - वह है, जो अपने अवगुणों और दूसरों के गुणों को याद रखता और कोई वचन बिना सोचे-समझे मुख से नहीं निकालता।
ज्ञानी - वह है, जिसके मन में संसार के सुख-दुःख से विकार उत्पन्न नहीं होता तथा जो सत्-असत् का ज्ञाता हो।
सन्तुष्ट - वह है, जो किसी आशा से बद्ध नहीं।
बलवान - वह है, जो इन्द्रियों के प्रबल वेग को रोके।
सबका प्रिय - वह है, जो केवल अपना लाभ और स्वार्थ नहीं विचारता।
भाग्यवान - वह है, जिसकी दशा देखकर ज्ञानियों को भय हो।

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