व्यक्तित्व को निखारने में त्वचा की प्रमुखता को नकारा नहीं जा सकता। सौन्दर्य की प्रमुख घटक इस त्वचा की देखभाल अत्यन्त जरूरी है, विशेषकर सर्दियों में।
1. त्वचा का रूखापन दूर करने के लिए स्नान करने वाले पानी में नारियल के तेल की कुछ बूंदें डाल लें, त्वचा स्निग्ध रहेगी।
2. यदि हाथ-पैर की त्वचा फट जाए, तो रात को गुनगुने पानी में थोड़ा-सा सर्फ या साबुन का घोल मिलाकर हाथ-पाँव 15 मिनट तक डुबोएं। फिर नारियल की जटा से अच्छी तरह रगड़कर साफ कर लें। हल्का-सा क्रीम लगा लें।
3. कभी-कभी सर्दियों में त्वचा में खुश्की के कारण खुजली होने लगती है। ऐसा होने पर चन्दन और नारियल का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर लगाइए। फिर कुछ देर पश्चात् गुनगुने पानी से धो लीजिए। इससे खुजली भी मिट जाएगी तथा त्वचा भी मुलायम हो जाएगी।
4. चार-पांच बून्द नीम्बू का रस एक छोटा चम्मच मलाई में मिलाकर रात्रि में सोने से पूर्व चेहरे पर मल लें। सुबह धो डालें। चेहरे का रूखापन समाप्त हो जाएगा।
5. एड़ियों को फटने से बचाने के लिए सर्दियों में हर रात सोने से पहले एड़ियों पर नीम्बू और ग्लिसरीन की मालिश करनी चाहिए।
7. सेब का गूदा बना लें और उसमें शहद मिला लें। अब उसमें जौ का आटा मिला लें। हल्का-सा गर्म करके चेहरे पर लगाएं। दस मिनट बाद चेहरे से उबटन को गर्म पानी, फिर ठण्डे पानी से साफ कर लें। उबटन सूखी त्वचा को चमकदार बनाता है।
8. तिल का प्रयोग सौन्दर्य के लिए किया जाता है। एक कप तिल का तेल, कपूर और मोम मिलाकर हल्की आंच पर थोड़ी देर पकाकर गाढ़ा कर लें और शीशी में भरकर रख लें। इस लेप को रात में सोने से पहले लगा लें। ऐसा करने से हाथों का खुरदरापन कम हो जाएगा।
9. शीत ऋतु में त्वचा शुष्क होकर फट जाती है। अतः रात्रि में सोते समय ग्लिसरीन को हाथ-पैरों एवं मुख पर अच्छी तरह मलकर सोएं और प्रातः उठकर हल्के गर्म गुनगुने जल में धो डालें। इस तरह त्वचागत रोमकूपों में मैल नहीं जम पाता।
10. यदि आपके होंठ सर्दी या अन्य किसी कारण से फट गए हैं, तो शहद और गुलाबजल में तुलसी की पत्तियों का रस मिलाकर अधरों पर लगाएं।
11. दूध की मलाई, नीम्बू का रस एवं बेसन मिलाकर उबटन लगाने से त्वचा की खुश्की दूर होती है।
12. फटी हुई एड़ियों पर गर्म तिल के तेल में सेन्धा नमक और मोम मिलाकर लगाने से फायदा होता है।
13. आधा चम्मच शहद, एक चम्मच सन्तरे का रस, दो बून्द नीम्बू का रस तीनों चीजों को अच्छी तरह मिला लें। इसे चेहरे पर हाथों पर लगाएं। यह लेप त्वचा को मुलायम बनाता है। शहद में काफी नमी होने के कारण यह रूखी त्वचा को भी मुलायम व चमकदार बना देता है।
14. एड़ियों के सामान्य खुरदरेपन को मिटाने के लिए जैतून के तेल में थोड़ा नमक मिलाकर मालिश करना लाभप्रद रहता है।
15. एक चम्मच चिरौञ्जी को 4 चम्मच कच्चे दूध में 12 घण्टे तक भिगोकर उसके बाद पीसकर उसका लेप तैयार कर लीजिए। इस लेप को चेहरे पर आधे घण्टे तक लगा रहने दें। उसके बाद ठण्डे पानी से धो लेना चाहिए। ऐसा करने से शुष्क त्वचा मुलायम एवं कोमल हो जाती है।
16. सर्दी में त्वचा फटने पर ग्लिसरीन, नीम्बू और गुलाबजल की समान मात्रा रात में सोते समय प्रयोग करें। इसका प्रयोग करने से त्वचा में सूखापन नहीं रहता है।
17. फटी एड़ियों के उपचार हेतु पुराना देशी गुड़ व हल्दी मिलाकर लेप लगाएं। दो घण्टे बाद साफ कर लें या कच्चे पपीते को पीसकर उसमें थोड़ी हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर दो घण्टे तक लेप लगाए रखें। फिर साफ कर लें।
18. टमाटर और नीम्बू के रस में ग्लिसरीन मिलाकर लगाएं। इसके प्रयोग से त्वचा का खुरदरापन दूर होता है।
19. सर्दियों में चेहरे के अतिरिक्त पूरा शरीर शुष्क हो जाता है। इसके लिए नहाने के पानी में दो चम्मच ग्लिसरीन मिलाकर स्नान करें। इससे शरीर का रूखापन दूर होगा। शुष्क त्वचा वालों को चाहिए कि वे चेहरे को ठण्डे पानी से धोकर ठण्डे पानी से भीगा तौलिया चेहरे पर रखें, दो मिनट पश्चात हटा दें। त्वचा में निखार आएगा।
20. जाड़ों में त्वचा की खुश्की, होठों का फटना एक आम बात है। एक कप गाजर के रस में भुना जीरा पीसकर मिला लें और थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर दिन में दो बार पीने से तीन-चार दिन में खुश्की व होठों का फटना बन्द हो जाएगा। गाजर त्वचा सम्बन्धी बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करती है। - डॉ. हनुमान प्रसाद उत्तम
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