विशेष :

तकिये का स्वास्थ्य पर कुप्रभाव

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तकिये का प्रयोग स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हुए कई बीमारियों को भी निमन्त्रण देता है, जैसा कि ‘तमिलनाडू राज्य योगासन संगम’ द्वारा पिछले 20 वर्षों से किये जा रहे अध्ययनों से प्रमाणित हो रहा है। हृदय व नेत्र रोगों के अतिरिक्त अस्थमा रोग की भी इससे सम्भावना बनी रहती है।क्योंकि ऊँचे तकिये पर सिर रखकर सोने से मस्तिष्क तक रक्त-प्रवाह में गतिरोध उत्पन्न होता रहता है और रक्त-प्रवाह ही शरीर की समस्त क्रियाओं पर नियन्त्रण रखता है। तकिये का उपयोग न करने वाले अन्य के मुकाबले अधिक बुद्धिमान एवं निरोगी रहते हैं।

धमनियों तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंचने के कारण हृदय पर बुरा असर पड़ता है, जो कि दिल के दौरे का भी कारण बन सकता है। आँखों व दांतों पर इसका सीधा असर पड़ता है और ऑक्सीजन का प्रवाह अवरुद्ध रहने से अस्थमा रोग होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है। सोते समय सिर के नीचे तकिये के स्थान पर हथेली का इस्तेमाल करने का सुझाव ‘तमिलनाडु राज्य योगासन संगम’ द्वारा देते हुए कहा गया है कि तकिये का प्रयोग नहीं करने वाले व्यक्ति अन्य के मुकाबले अधिक निरोगी एवं दीर्घायु होते हैं तथा उनके बाल भी अधिक समय तक काले बने रहते हैं। सन्दर्भः विश्‍व स्नेह समाज

वैधानिक सलाह / परामर्श - इन प्रयोगों के द्वारा उपचार करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से सलाह / परामर्श अवश्य ले लें। सम्बन्धित लेखकों द्वारा भेजी गई नुस्खों / घरेलु प्रयोगों / आयुर्वेदिक उपचार विषयक जानकारी को यहाँ यथावत प्रकाशित कर दिया जाता है। इस विषयक दिव्ययुग डॉट कॉम के प्रबन्धक / सम्पादक की कोई जवाबदारी नहीं होगी।

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