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आयुर्वेदिक फास्ट फूड टेस्टी भी हेल्दी भी

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आधुनिक जीवनशैली के तहत लोग अपने आहार के प्रति उतने सजग नहीं है, जिसमें वे भोजन का समय एवं पोषण मूल्यों का ध्यान रख सकें। परिणामस्वरूप झटपट भोजन (फास्ट फूड) के दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं। इसमें एसिडिटी, कब्जियत आदि शामिल हैं। आयुर्वेद में अनेक आहार, व्यंजनों का वर्णन है, जिन्हें हम फास्ट फूड के रूप में प्रयोग कर सकते हैं या उसे हम 'आयुर्वेदिक फास्ट फूड' कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। यह फास्ट फूड शरीर को पोषण प्रदान करने के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक भी हैं। कुछ आयुर्वेदिक फास्ट फूड- धाना (कॉर्न) धान, जौ अदि को भूनकर धाना बनता है। वर्तमान में 'केलॉन्ग्स' इसका एक प्रकार है, जो मक्के से निर्मित होता है। आयुर्वेद में धान या जौ से निर्मित धाना बहुत अधिक गुणकारी है। इसमें दूध एवं शक्कर मिलाकर सेवन करने पर यह शरीर के बल को बढ़ाता है। पचने में हल्का व पोषण प्रदान करता है। अतः इसका प्रयोग नाश्ते के रूप में किया जा सकता है। पोषण के अतिरिक्त यह कंठ, नेत्र के रोग, उल्टी-दस्त होने पर अच्छे भोजन का विकल्प है। रोग नियन्त्रण के लिए भी इससे मदद मिलती हैं।

सत्तू - धान, चना तथा जौ अदि धन्यों को भूनने एवं पीसने पर वह सत्तू कहलाता है। यह फास्ट फूड का अच्छा विकल्प है। सत्तू में थोड़ी मात्रा में घी एवं शक्कर मिलाकर पानी डालकर पेस्ट बनाकर खाने पर यह तुरंत शरीर में बल प्रदान करता है। सत्तू में शहद मिलाकर सेवन करने पर मोटापा एवं केवल पानी मिलाकर सेवन करना मधुमेही रोगी का आदर्श भोजन है। गर्मी में सत्तू का प्रयोग प्यास को भी कम करता है एवं बलदायक है।

पृथुका (चिवड़ा) - चावल, जौ को भिगोकर भून लेने पर यह पृथुका कहलाता। वर्तमान समय में प्रचलित पोहा भी इसी का प्रकार है। इसको पानी में भिगोकर दूध एवं शर्करा डालकर सेवन करने पर यह स्निग्ध, मलभेदक एवं वातशामक है।

लप्सिका (लप्सी) - बारिक गेहूं के आटे को हल्का भून लें और इसमें मात्रानुसार शर्करा एवं दूध डालकर पकाएं। इसे आंच से उतारकर इसमें लौंग चूर्ण, काली मिर्च एवं इलाइची चूर्ण डालें, यह लप्सिका है।

पिंडरी (इडली) - उड़द एवं मुंग की पिठी बनाकर उसमें नमक, हींग, जीरा व अदरक मिलाकर पिंडाकार बनाकर भाप में पकाएं एवं घी में तल लें। इसे सूखा या इमली की चटनी से खाया जाता हैं। यह बलकारक, क्षुधा शांत करने वाली, शुक्र बढ़ाने वाली है।

वैधानिक सलाह / परामर्श - इन प्रयोगों के द्वारा उपचार करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से सलाह / परामर्श अवश्य ले लें। सम्बन्धित लेखकों द्वारा भेजी गई नुस्खों / घरेलु प्रयोगों / आयुर्वेदिक उपचार विषयक जानकारी को यहाँ यथावत प्रकाशित कर दिया जाता है। इस विषयक दिव्ययुग डॉट कॉम के प्रबन्धक / सम्पादक की कोई जवाबदारी नहीं होगी।