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कालीमिर्च से भी होता है रोगों का इलाज

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  • यदि अनिद्रा के रोग से पीड़ित हों, तो दही में शक्कर, सौंफ और कालीमिर्च मिलाकर सेवन करना चाहिए।
  • खुजली होने पर आधा चम्मच कालीमिर्च पावडर को एक चम्मच घी के साथ सेवन करने से लाभ होता है।
  • पेचिश होने पर कालीमिर्च के पावडर का छाछ में मिलाकर सेवन करना चाहिए।
  • यदि सर्दी-जुकाम से पीड़ित हों, तो एक गिलास दूध में आधा चम्मच कालीमिर्च पावडर उबालकर पीने से राहत मिलती है।
  • मस्तिष्क की कमजोरी को दूर करने के लिए आधा चम्मच शहद में एक चुटकी कालीमिर्च पावडर डालकर प्रतिदिन प्रातःकाल सेवन करना चाहिए।
  • यदि टांसिल्स बढ़ गए हों, तो कालीमिर्च के काढ़े से गरारे करना चाहिए।
  • यदि बाल तेजी से झड़ने लगे हों, तो कालीमिर्च पीसकर सिर पर लेप करना चाहिए।
  • यदि दाँत दर्द से परेशान हों, तो तुलसी के पत्तों के रस में कालीमिर्च पावडर मिलाकर गोलियाँ बना लें तथा दर्द वाले स्थान पर रखें, लाभ होगा ।
  • पके हुए अनानास के छोटे टुकड़े करके उसमें सेंधा नमक और कालीमिर्च डालकर खाने से अजीर्ण का नाश होता है। पित्त का प्रकोच कम करने के लिए नीम्बू के आधे टुकड़े पर नमक व कालीमिर्च बुरककर अंगारे पर हलका सा गर्म कर लें और फिर इसका रस पीएं।
  • पित्त की शिकायत हो, तो कच्चे आम पर थोड़ी सी कालीमिर्च और शहद लगाकर सेवन करने से लाभ होता है।
  • अपच की शिकायत होने पर छाछ में पिसी कालीमिर्च मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
  • खट्टी डकारें आने पर एक गिलास पानी में थोड़ा-सा कालीमिर्च पावडर और नीम्बू निचोड़कर पीने से तत्काल लाभ होता है।
  • यदि फोड़े-फुंसी हो रहे हों, तो पानी में काली मिर्च पीसकर लगाने से लाभ होता है।
  • यदि सिर में जुएं हों, तो प्याज के साथ कालीमिर्च पीसकर बालों में लेप करना चाहिए।
  • यदि हिचकी से परेशान हों, तो कालीमिर्च के धुएं का सेवन करें।
  • यदि असमय ही बाल सफेद हो रहे हों, तो मक्खन या शहद में कालीमिर्च पावडर मिलाकर चाटने से बालों का पकना रुक जाता है।
  • अर्श हो जाने पर पिसी कालीमिर्च को घी में मिलाकर मस्से पर लगाने से लाभ होता है।
  • खाँसी से निजात पाने के लिए कालीमिर्च के चार दाने मुँह में रखकर धीरे-धीरे चूसना चाहिए।
  • यदि बुखार आ गया हो, तो एक गिलास पानी में पौन चम्मच कालीमिर्च का पावडर और दो चम्मच शक्कर घोलकर पीने से लाभ होता है।
  • यदि मलेरिया का बुखार हो, तो तुलसी के पत्ते के रस में शहद और पिसी हुई कालीमिर्च मिलाकर सेवन करना चाहिए।
  • यदि उल्टियाँ हो रही हों, तो एक चम्मच अदरक के रस में सेन्धा नमक तथा कालीमिर्च पावडर छिड़ककर चाटने से लाभ होगा।
  • यदि पायरिया हो गया हो, तो कालीमिर्च के पावडर में थोड़ा सा नमक मिलाकर धीरे-धीरे मसूड़ों पर मालिश करना चाहिए।
  • यदि गला बैठ गया हो, तो कालीमिर्च के दाने चबाने से आवाज खुल जाती है।

वैधानिक सलाह / परामर्श - इन प्रयोगों के द्वारा उपचार करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से सलाह / परामर्श अवश्य ले लें। सम्बन्धित लेखकों द्वारा भेजी गई नुस्खों / घरेलु प्रयोगों / आयुर्वेदिक उपचार विषयक जानकारी को यहाँ यथावत प्रकाशित कर दिया जाता है। इस विषयक दिव्ययुग डॉट कॉम के प्रबन्धक / सम्पादक की कोई जवाबदारी नहीं होगी।

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