एक कहावत है ‘पहला सुख निरोगी काया’। स्वस्थ शरीर स्वस्थ दिमाग के निर्माण में सहायक होता हौ। स्वस्थ रहने की पहली शर्त है आपकी पाचन शक्ति का सुदृढ़ होना। भोजन के उचित पाचन के अभाव में शरीर अस्वस्थ हो जाता है, मस्तिष्क शिथिल हो जाता है और कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। जिस प्रकार काम करने में अनुशासन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार भोजन में भी अनुशासन महत्वपूर्ण है। अधिक खाना, अनियमित खाना, देर रात तक जागना, ये सारी स्थितियाँ आपके पाचन तन्त्र को प्रभावित करती है। अतः यह आवश्यक हो जाता है कि पाचन शक्ति को दुर्बल होने से बचाएं। पाचन तन्त्र की दुर्बलता दूर करने के कुछ घरेलू उपाय यहाँ दिए जा रहे हैं-
- पके अनार के 10 ग्राम रस में भुना हुआ जीरा और गुड़ समभाग मिलाकर दिन में दो या तीन बार लें। पाचन शक्ति की दुर्बलता दूर होगी।
- काली राई की 2-4 ग्राम फांकी लेने से कब्ज से होने वाली बदहजमी मिट जाती है।
- अनानास के पके फल के बारीक टुकड़ों में सेंधा नमक और कालीमिर्च मिलाकर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है।
- भोजन के बाद पेट फूल जाए तथा बेचैनी महसूस हो तो 20-50 ग्राम अनानास का रस पीएं।
- पकाए हुए आंवले को घियाकास करके स्वादानुसार कालीमिर्च, सौंठ, सेंधा नमक, भुना जीरा और हींग मिलाकर गोली बनाकर छाया में सुखा लें। इसके सेवन से पाचन विकार दूर हो जाता है तथा भूख बढ़ती है। मन भी प्रसन्न रहता है।
- अमरूद के कोमल पत्तों के 10 ग्राम रस में शक्कर मिलाकर प्रतिदिन केवल एक बार प्रातः काल सेवन करने से बदहजमी दूर होकर पाचन शक्ति बढ़ती है।
हरड़ एवं गुड़ के 6 ग्राम चूर्ण को गर्म पानी से या हरड़ के चूर्ण में सेन्धा नमक मिलाकर सेवन करने से पाचन शक्ति तेज होती है। - हरड़ का मुरब्बा खाने से पाचन शक्ति सबल होती है।
- 1-2 ग्राम लौंग को जौकूट करके 100 ग्राम पानी में उबालें। 20-25 ग्राम शेष बचने पर छान लें और ठण्डा होने पर पीएं। इससे पाचन सम्बन्धी विकार दूर होते हैं। हैजे में भी यह लाभकारी है।
- एक कप पानी में आधा नीम्बू निचोड़कर 5-6 कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम भोजन के बाद पीने से पेट की वायु, अर्द्धवात, बदहजमी, विषमाग्नि जैसी शिकायतें दूर होकर पाचन शक्ति प्रबल होती है।
- नीम्बू काटकर काला नमक लगाकर चाटने से बदहजमी और भोजन के प्रति अरुचि दर होती है।
वैधानिक सलाह / परामर्श - इन प्रयोगों के द्वारा उपचार करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से सलाह / परामर्श अवश्य ले लें। सम्बन्धित लेखकों द्वारा भेजी गई नुस्खों / घरेलु प्रयोगों / आयुर्वेदिक उपचार विषयक जानकारी को यहाँ यथावत प्रकाशित कर दिया जाता है। इस विषयक दिव्ययुग डॉट कॉम के प्रबन्धक / सम्पादक की कोई जवाबदारी नहीं होगी।
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