जामुन खाने का मौसम आ रहा है। हर अवस्था का व्यक्ति इसे बड़े शौक से खाता है। जहाँ एक ओर इससे नई ताकत मिलती है, वहीं शारीरिक एवं मानसिक रोग भी दूर होते हैं । जामुन का फल मधुर, अम्ल, कषाय, रसयुक्त, हल्का, रुक्ष गुण और शीत वीर्य युक्त होता है। फल के बीज में पीले रंग का सुगंधित तेल मिलता है।
जामुन पाचक शक्ति में वृद्धि कर भूख बढ़ा देता है। इसके सेवन से खून साफ होकर त्वचा में निखार आ जाता है। जिगर और तिल्ली के रोगों में यह फल अमृत समान काम करता है। जामुन का रस जिगर-तिल्ली की सक्रियता को बढ़ाता है। मौसम में जामुन का उचित मात्रा में सेवन पेचिश, चमड़ी रोग, शूगर, अपच, अतिसार, मूत्रत्याग में जलन, पथरी और दिल के रोगों में बेहद उपयोगी है। व्रत रखने पर खाली पेट जामुन का सेवन न करें, ऐसा करने से पेट में दर्द शुरू हो सकता है। जामुन खाने से पहले और बाद में कम से कम दो घण्टे तक दूध और पानी से परहेज करें। बलगम-खांसी और उल्टी से पीड़ित व्यक्ति इसका सेवन न करें।
सामान्य उपचार-
1. मधुमेह यानी शूगर के अलावा किसी अन्य बीमारी से पीड़ित नहीं हैं तो आप जामुन फल का प्रतिदिन गुठली सहित अच्छी तरह चबाकर सेवन करें।
2. खून और पेशाब में शर्करा आने की हालत में रात को सोने से पहले चम्मच भर जामुन की गुठली का चूर्ण पानी के साथ लगातार सेवन करने से मधुमेह (शूगर) नियन्त्रण में रहेगा।
3. बहुमूत्र में पके हुआ आम और जामुन का रस बराबर मात्रा में मिलाकर प्रातः सायं भोजन से आधा घण्टा पहले चालीस दिन तक नियमित रूप से पीएं।
4. कान से पस आ रही हो तो जामुन रस की चार बून्दें प्रभावित कान में सुबह-शाम डालने से राहत मिलती है।
5. महिलाओं में माहवारी समय पर न आ रही हो या पीड़ा सहित आने पर जामुन फल का रस और चावल का धोवन बराबर मात्रा में चुटकी भर काला नमक मिलाकर सुबह, दोपहर, शाम भोजन से तीस मिनट पहले पीने से बीमारी से छुटकारा मिल जाता है।
6. किसी जहरीले कीड़े और बिच्छू के काट लेने पर प्रभावित स्थान पर जामुन की पत्ती और गूदा मिलाकर प्रातः-सायं एक सप्ताह तक लेप करना चाहिए।
7. गला बैठ जाने पर खराश और दर्द की स्थिति में वयस्क रोगी को सुबह-शाम आधा चम्मच जामुन गुठली का चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाकर एक सप्ताह तक सेवन करने से राहत मिलती है।
8. चमड़ी जल जाने पर प्रभावित हिस्से पर जामुन की पत्ती और फल का रस मिलाकर लेप करने से आराम मिलता है।
9. यौन शक्ति बढ़ाने के लिए स्त्री-पुरुष प्रतिदिन ताजी जामुन रस में चुटकी भर काला नमक मिलाकर सेवन करते रहें।
10. पथरी के रोगी जामुन गुठली का चूर्ण आधा चम्मच, त्रिफला चूर्ण आधा चम्मच, थोड़ा सा नमक एक कटोरी ताजा दही में मिलाकर नियमित रूप से सेवन करें।
जिन लोगों को भूख कम लगती है वे दिन भर चपाती कम खाएं, पेट भर पकी हुई जामुन काला नमक लगाकर अधिक खाएं। कुछ शारीरिक एवं मानसिक रोगों की स्थिति में डाक्टर की सलाह से जामुन फल का सेवन करें। - डॉ. अनिल धीर
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