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क्या आप जानते है?

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kya aap jan

प्रश्न - यह सारा संसार किसने बनाया ?
उत्तर - ईश्वर ने।

प्रश्न - ईश्वर कहां रहता है ?
उत्तर - वह सर्व व्यापक है। संसार में कहीं कोई ऐसा स्थान नहीं जहां परमात्मा न हो।

प्रश्न - उसका मुख्य नाम क्या है ?
उत्तर - ईश्वर के अनेक नामों में सब श्रेष्ठ और मुख्य नाम ''ओ३म्'' है।

प्रश्न - ईश्वर ने मनुष्यों को सबसे अच्छी वस्तु क्या दी है ?
उत्तर - सबसे अच्छी वस्तु बुद्धि दी है और उसकी सहायता के लिए ईश्वर ने अपना ज्ञान दिया है।

प्रश्न - ईश्वर का ज्ञान कौन सा है और वह कब दिया गया?
उत्तर - वेद ईश्वरीय ज्ञान है, वह सृष्टि के आदि में प्रकाशित हुआ।

प्रश्न - वेद कितने हैं और उनके नाम क्या हैं ?
उत्तर - वेद चार है - ऋग्वेद, युजुर्वेद, सामवेद, अथर्वेद।

प्रश्न - वेदों को मानाने वालों को क्या कहते हैं।
उत्तर - आर्य। हम सब वेदों को मानने वाले आर्य ही हैं।

प्रश्न - 'आर्य' शब्द का क्या अर्थ है ?
उत्तर - आर्य का अर्थ श्रेष्ठ, सज्जन, परोपकारी अदि है।

प्रश्न - तुम्हारा सबसे बड़ा धर्म क्या है ?
उत्तर - वेद।

प्रश्न - वेद के बाद मानवीय ग्रन्थ कौन से हैं ?
उत्तर - उपनिषद् और शास्त्र।

प्रश्न - उपनिषद् कितने और कौन-कौन से हैं ?
उत्तर - मुख्य उपनिषद् ग्यारह हैं - ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुण्डक, माण्डूक्य, ऐतरेय, तैत्तिरीय, छान्दोग्य, बृहदारण्यक और श्वेतास्वेतर।

प्रश्न - इनका मुख्य विषय क्या है ?
उत्तर - आत्मा और परमात्मा का ज्ञान कराके मुक्ति का मार्ग बतलाना ही मुख्य विषय है।

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Ved Katha Pravachan 66 | Explanation of Vedas | तेतीस कोटि देवताओं का स्वरूप - 2

प्रश्न - शास्त्र कितने और कौन-कौन से है ?
उत्तर - शास्त्र छह हैं - सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा और वेदान्त।

प्रश्न - उनके बनाने वाले कौन हैं ?
उत्तर - उनके बनाने क्रम से ऋषि - कपिल, पतञ्जल, गौतम, कणाद, जैमिनी और व्यास हैं।

प्रश्न - उनमे क्या लिखा हुआ है ?
उत्तर - मुख्यतः सृष्टि - उत्पति, पदार्थों का वर्णन, योग तर्क, यज्ञ और ब्रम्हविषयक गूढ़ बातें लिखी गई हैं।

प्रश्न - इन सब पुस्तकों में सबसे बड़ा देवता कौन माना गया हैं ?
उत्तर - परमात्मा।

प्रश्न - देवता किसे कहते हैं ?
उत्तर - जो दूसरों को कुछ दान करे, उपकार करे, विद्वान हो वही देवता है।

प्रश्न - देवता कितने और कौन-कौन से हैं ?
उत्तर - देवता ३३ है जिनमे सूर्य, चंद्र, अग्नि, वायु इत्यादि मुख्य हैं।

प्रश्न - क्या यह मिट्टी, पत्थर, वृक्ष अदि जिनको आजकल बहुत से लोग पूजते हैं, देवता नहीं हैं ?
उत्तर - नहीं, क्योंकि वे कुछ दिव्या पदार्थ देने के स्थान में भेंट पूजा लेते हैं। वे ''देवता'' हैं। इसकी पूजा हमें कभी नहीं करनी चाहिए।

प्रश्न - क्या कोई जीवित चलते फिरते देवता भी हैं ?
उत्तर - हां ! माता, पिता, गुरु, अतिथि और विद्वान पुरुष हमारे लिए जीवित देवता हैं। उनकी पूजा, भक्ति और सेवा सत्कार करना हम सबका परम कर्त्तव्य है। हमें सच्चे देवताओं को ही मानना चाहिए और सब काम सत्य और असत्य को विचार करके ही करना चाहिए।

अरुन्धती - वशिष्ठ की पत्नी। श्रेष्ठ पतिव्रता एवं वेद विदुषी थी।

मीरा - राजस्थान के राणा परिवार की पुत्रवधु, जिसने अपना सर्वस्व भगवान कृष्ण की भक्ति में समर्पित किया।

माँ शारदा - श्री रामकृष्ण परमहंस की धर्मपत्नी जो उनकी साधना में मौन सहायिका थीं।

नारद - ब्रम्हा के मानस पुत्र, भगवान विष्णु के अनन्य भक्त के रूप में प्रसिद्ध हैं।

प्रन्ति देव - प्राचीन काल के सुप्रसिद्ध वीर सम्राट एवं भगवद भक्त।

शुकदेव - भगवान व्यास के वैरागी पुत्र, जिन्होंने अभिमन्यु के पुत्र सम्राट परीक्षित् को सात दिनों में भागवत ग्रन्थ सुनाया था। इन्हें ब्रम्ह ज्ञान प्राप्त था।

चैतन्य - कृष्ण भक्ति की साक्षात् मूर्ति थे। गौड़ीय सम्प्रदाय के प्रवर्त्तक थे एवं हरिनाम संकीर्तन के द्वारा ईश्वर प्राप्ति के मार्ग को लोकप्रिय बनाने वाले थे।

मध्वाचार्य - विष्णु भक्ति के प्रचार के लिए भारत भ्रमण किया। मध्व सम्प्रदाय की स्थापना की।

ज्ञानेश्वर - सिद्ध योगी, 'ज्ञानेश्वरी' ग्रन्थ के रचयिता, महाराष्ट्र के महान सन्त थे।

कम्ब - तमिल रामायण के प्रणेता, महान कवि तथा राम भक्त थे।

Is this soil, stone, tree etc. which many people worship nowadays, are not gods? Answer - No, because they worship alms in place of giving some divine substance. He is the "deity". We should never worship it. Are there any gods walking around alive? Answer - Yes! Mother, father, guru, guest and learned men are living gods for us. It is the ultimate duty of all of us to worship them, devotion and service. We should believe only the true gods and should do all the work considering the truth and untruth.


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