जामुन की गुठली 250 ग्राम, सूखा हुआ करेला बीजरहित 250 ग्राम, मेथी 250 ग्राम, त्रिफला 200 ग्राम (चूर्ण), गिलोय सत्व 100 ग्राम,कैथ का गुद्दा सूखा हुआ 150 ग्राम, गुड़मार बूटी 150 ग्राम, बबूल छाल का कपड़छान चूर्ण 150 ग्राम, सूर्यतापी शिलाजीत 50 ग्राम, करेला स्वरस 250 ग्राम, मकोय स्वरस 250 ग्राम।
निर्माण विधि- करेला और मकोय स्वरस को चूल्हे पर चढ़ाकर अग्नि के सहारे घनसत्व बना लें। इसके बाद सभी दवाओं का कपड़छान चूर्ण मिलाकर खरल करें, तत्पश्चात् शिलाजीत डालकर खरल करें। इसके बाद करेला स्वरस और नीम के पत्तों के स्वरस में डालकर घुटाई करें तथा गोली बनाने लायक हो जाने पर 500 मिलीग्राम की गोलियाँ बना लें अथवा कैपसूल 00 (जीरो) साईज में भर लें।
मात्रा- 1 से 2 गोली (कैपसूल) जामुन पत्र स्वरस के साथ दिन में दो तीन-बार तक।
इसका सेवन मधुमेह और अन्य प्रकार के प्रमेहों में तथा मूत्र में शर्करा जाने एवं रक्त शर्करा की उपस्थिति को धीरे-धीरे कम करके मधुमेह को नष्ट कर देता है। इसका सेवन नवीन मधुमेह में 4 से 6 माह तक तथा जीर्ण मधुमेह में 6 से 12 माह तक अवस्था आवश्यकतानुसार अधिक भी किया जाना चाहिए। सेवन काल में 20 से 30 दिन में अर्थात प्रत्येक महीने में एक बार मूत्र की जाँच कराते रहना चाहिए, जिससे कि यह पता चलता है कि मूत्र में शर्करा की मात्रा कितनी प्रतिशत है। इसके सेवन से मधुमेह तो नष्ट होता ही है, मधुमेह के अन्य उपद्रव भी शान्त हो जाते हैं। कई बार यह परीक्षित प्रयोग है। मधुमेह एक दुःसाध्य और जटिल रोग है। अतः धैर्य के साथ इस औषधि का सेवन करें।
मधुमेहनाशक अनुभूत प्रयोग जामुन के बीज 10 ग्राम, सोंठ 50 ग्राम, गुड़मार पत्र 100 ग्राम। इन सबको कूट पीसकर घृतकुमारी के रस में घोंटकर 4-4 रत्ती की गोलियां बना लें। इन्हें दिन में तीन बार शहद के साथ 1-2 गोली सेवन करने से मधुमेह नष्ट हो जाता है। अनुभूत रामबाण प्रयोग है। - डॉ. भानूप्रताप पाण्डेय
वैधानिक सलाह / परामर्श - इन प्रयोगों के द्वारा उपचार करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से सलाह / परामर्श अवश्य ले लें। सम्बन्धित लेखकों द्वारा भेजी गई नुस्खों / घरेलु प्रयोगों / आयुर्वेदिक उपचार विषयक जानकारी को यहाँ यथावत प्रकाशित कर दिया जाता है। इस विषयक दिव्ययुग डॉट कॉम के प्रबन्धक / सम्पादक की कोई जवाबदारी नहीं होगी।
ealth | Health | Diabetes | Pharmaceutical | Aushadhi | Therapy | Pharmacy | Drugs | Hindustaan |