खाँसी
हर प्रकार की खाँसी में निम्नलिखित उपचार अत्यन्त लाभदायक है- 60 ग्राम आक (मदार) की कली, 30 ग्राम अजवाइन तथा 30 ग्राम काला नमक एक साथ पीस लें और छाया में सुखा लें। अब रोजाना सुबह के समय एक चुटकी सेवन करें। बासी पदार्थों से परहेज करें। यह उपचार खाँसी के अलावा दमा तथा बायगोला आदि रोगों में भी बहुत फायदा होता है।
खाँसी के रोग के निदान के लिए तुलसी के 10 पत्ते एक प्याला पानी में उबालें। छानकर एक चम्मच शहद डालकर दिन में दो बार पीएं अथवा तुलसी के रस में समान मात्रा में अदरक और पान का रस, काली मिर्च, काला नमक और शहद मिला लें। इसे चाटने से पुरानी खाँसी में राहत मिलती है।
खाँसी के उपचार के लिए पिसी हल्दी चौथाई चम्मच, एक चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम लें।
नेत्ररोग
केरौंदे के ताजे पत्ते लेकर उसका रस निकालें। छानकर ड्रापर द्वारा दो-दो बूंद आँखों में डालने से आरम्भिक काल का मोतियाबिंद साफ हो जाता है।
नेत्रों पर विकार आ जाने पर नेत्रों में शहद की सलाई लगाने के बाद त्रिफला के जल से अच्छी तरह धोना चाहिए।
फिटकरी 5 ग्राम पीसकर 200 ग्राम गुलाब जल में अच्छी तरह से मिला दें। इस लोशन को दो-दो बूंद दिन में कई बार दुखती आँखों में डालने से तत्काल आराम होता है।
कभी-कभी प्रदूषित वायु से आँख में दाना या बिलनी निकल आती है। इसको दूर करने हेतु ताजे आम की पत्ती को तोड़कर डंठल का रस दाने पर लगाएं। जब तक ठीक न हो, इसे लगाते रहें।
चमेली के फूलों की डंडी और मिश्री समान भाग लेकर खरल करके आँखों में लगाने से ज्योति तीव्र होती है।
प्रदर रोग
पीपल के पके हुए फल को पीसकर बराबर मात्रा में शक्कर मिलाकर गो-दुग्ध के साथ स्त्री को पिला दें। लगभग 10-15 दिनों में प्रसूत और प्रदर रोग समाप्त हो जाएगा।
नीम की पत्ती को पानी में उबालकर उसमें थोड़ी सी फिटकरी पीसकर मिला दें। इस पानी से योनि में पिचकारी दें। श्वेत प्रदर कितना भी पुराना हो, इससे राहत मिलेगी।
भुनी फिटकरी 3 ग्राम पानी के साथ रोज लें। साथ ही फिटकरी मिले पानी की पिचकारी से योनि प्रक्षालन भी करें। शीघ्र आराम मिलेगा।
आम के फूलों को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें। उसमें समान भाग चीनी मिलाकर खाने से श्वेत प्रदर रोग में फायदा होता है।
चर्मरोग
दाद, खाज, खुजली से छुटकारा पाने के लिए सरसों के तेल में मदार के पत्तों का रस और हल्दी मिलाकर गर्म कर लें। इसे छानकर साफ शीशी में भर लें। इसे लगाने से चर्म रोगों से छुटकारा मिलेगा।
पानी में अजवाइन को उबालकर ठण्डा होने पर उस पानी से दाद, खाज, घाव वाले स्थान को धोने से लाभ मिलता है।
गंधक, सुहागा, फिटकरी और मिश्री-इन चारों वस्तुओं को समभाग लेकर कूट-पीसकर छान लें। फिर दाद वाली जगह को अच्छी तरह खुजलाकर उसके ऊपर इस चूर्ण को नींबू के रस में मिलाकर लेप कर दें। इससे कुछ तकलीफ तो होती है, परन्तु कुछ ही दिनों के प्रयोग से पुराना से पुराना दाद भी जड़ से नष्ट हो जाता है।
चमेली का तेल 100 ग्राम, कपूर की दो टिक्की डालकर रखें। घुलने पर तेल की मालिश करने से खुजली की व्याधि में कारगर फायदा मिलता है।
बालों की परवरिश
आंवला, शिकाकाई, बहेड़ा तथा मेंहदी के पत्तों को अच्छी तरह उबालें। फिर मसलकर छान लें। उस पानी को बालों की जड़ों में लगाकर अच्छी तरह सिर धोएं। फिर बालों की सुन्दरता देखें। यह प्रयोग सप्ताह में एक बार करें।
पान के रस में पारा खरल करके लगाने से जुओं से छुटकारा मिल जाता है।
भृंगराज एवं गुड़हल को बराबर मात्रा में लेकर भैंस के दूध के साथ पीसें। फिर लोहे के बर्तन में रखकर भूमि में गाड़ दें और एक सप्ताह बाद निकाल लें। रात को प्रतिदिन लगाकर सो जाएं, कुछ समय में ही बाल काले हो जाएंगे।
दस्त
जीरा तवे में सेंककर, पीसकर चौथाई चम्मच शहद के साथ दिन में तीन बार लेने से दस्त ठीक हो जाते हैं।
स्वच्छ अजवाइन बारीक पीसकर रखें। थोड़ी मात्रा में माता के दूध में दिन में तीन बार छोटे शिशुओं को देने से हरे-पीले दस्त व दूध उलटने में लाभ मिलता है।
बहेड़े के फल को जलाकर उसके चूर्ण में काला नमक मिलाकर देने से अतिसार (पतले दस्त) मिट जाता है। मात्रा 1 ग्राम से 3 ग्राम तक दें।
छोचे बच्चों के पतले दस्त, पेचिश (खूनी आंव) में 6 ग्राम सौंफ लेकर 75 मिली पानी में उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो उतारकर उसमें 1 ग्राम काला नमक मिलाकर तीन बार देने से बहुत लाभ होता है। - डॉ. हनुमानप्रसाद उत्तम
वैधानिक सलाह / परामर्श - इन प्रयोगों के द्वारा उपचार करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से सलाह / परामर्श अवश्य ले लें। सम्बन्धित लेखकों द्वारा भेजी गई नुस्खों / घरेलु प्रयोगों / आयुर्वेदिक उपचार विषयक जानकारी को यहाँ यथावत प्रकाशित कर दिया जाता है। इस विषयक दिव्ययुग डॉट कॉम के प्रबन्धक / सम्पादक की कोई जवाबदारी नहीं होगी।
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