अदरक
पेट के रोग- 250 ग्राम अदरक का रस और एक किलो चीनी लें। चीनी की चाशनी बनाएं। इस चाशनी में अदरक का रस डालकर गर्म करें। यह अदरक का शर्बत है। इस शर्बत के दो चम्मच आधा कप पानी में मिलाकर भोजन के आधे घण्टे बाद तीन बार नित्य पीएं। इससे पेट फूलना, गैस बनना, पेट की गुड़गुड़, आंव, दस्त, गैस की दुर्गन्ध, अपच ठीक हो जाएगी।
ज्वर- दो कप पानी में 25 पत्ते पोदीने के, आधा चम्मच अदरक की चटनी डालकर इतना उबालें कि पानी केवल एक कप रह जाए। फिर इसे छानकर गर्मागर्म पी जाएं और सो जाएं। पसीना आकर ज्वर उतर जाएगा।
दस्त- दस्त लम्बे समय से चल रहे हों, दस्तों की बीमारी असाध्य लगने लगी हो, चाहे दस्तों की बीमारी अचानक पैदा हुई हो, अदरक का रस नाभि पर लगाएं। दस्त बन्द हो जाएंगे।
हृदय रोग- अदरक का रस और पानी समभाग मिलाकर सुबह-शाम दो बार नित्य पीते रहने से हृदय रोग मिट जाते हैं।
सौंठ
जुकाम- जुकाम को ठीक करने के लिए आधा चम्मच कुटी हुई सौंठ, दो कप पानी, स्वादानुसार गुड़ डालकर उबालें। उबालकर एक कप पानी रहने पर छान लें। इसमें आधा चम्मच घी डालकर तीन बार पीएं। जुकाम ठीक हो जाएगा। शरीर में फुर्ती और शक्ति बढ़ेगी।
जिनको बार-बार जुकाम होता है वे अपने पीने का पानी भरकर अलग रख लें। इसमें मटर के दाने के बराबर सौंठ का टुकड़ा डाल दें। इसी पानी को पीएं। इस तरह नित्य नया टुकड़ा सौंठ का डालकर ताजा पानी पीते रहें। लम्बे समय तक यह पानी पीते रहने से बार-बार जुकाम लगना बन्द हो जाएगा। पिसी हुई सौंठ चुटकी भर एक कप गर्म दूध में मिलाकर नित्य तीन बार पीएं। जुकाम ठीक हो जाएगा।
अम्लपित्त (एसिडिटी)- एक चम्मच पिसी हुई सौंठ, तीन चम्मच पिसा हुआ आंवला, 5 चम्मच पिसी हुई मिश्री सब पानी में मिला लें। इनकी दो चम्मच सुबह-शाम खाने के बाद पानी से फंकी लें। अम्लपित्त ठीक हो जाएगा।
बवासीर (पाइल्स)- एक गिलास छाछ में चौथाई चम्मच पिसी हुई सौंठ घोलकर नित्य पीएं। बवासीर ठीक हो जाएगा।
अमीबायोसिस- इसमें रोगी चार-पांच दस्त नित्य प्रातः जाता ही रहता है। दस्तों में आंव आती है। ऐसी स्थिति में एक चम्मच सेन्धा नमक और सौंठ, एक चम्मच सिका हुआ जीरा, सबको पीसकर मिला लें। इस मिश्रण की एक चम्मच छाछ में मिलाकर नित्य भोजन के बाद पीएं। पुराने दस्त बन्द हो जाएंगे। बिच्छू काट गया हो और आधे सिर का दर्द सूर्योदय के साथ बढ़ता-घटता हो तो सौंठ को पानी में घिसकर सूंघने से लाभ होता है।
भांग का नशा- आधा चम्मच सौंठ की फंकी ठण्डे पानी से लेने से भांग का नशा उतर जाता है।
मासिक धर्म- दस ग्राम सौंठ, इतना ही गुड़ एक गिलास पानी में उबालें। आधा पानी रहने पर छानकर एक बार नित्य मासिक धर्म आने के 15 दिन पहले से ही लें। रुक-रुक कर मासिक होना व दर्द होना ठीक हो जाएगा। - डॉ. गणेश नारायण चौहान
वैधानिक सलाह / परामर्श - इन प्रयोगों के द्वारा उपचार करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से सलाह / परामर्श अवश्य ले लें। सम्बन्धित लेखकों द्वारा भेजी गई नुस्खों / घरेलु प्रयोगों / आयुर्वेदिक उपचार विषयक जानकारी को यहाँ यथावत प्रकाशित कर दिया जाता है। इस विषयक दिव्ययुग डॉट कॉम के प्रबन्धक / सम्पादक की कोई जवाबदारी नहीं होगी।
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