विशेष :

इसे मत पढ़िए

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do not read thisस्कूल हो या फिर घर सभी अच्छी आदतों की बातें करते हैं। घर पर तो हम कही बात मान भी लेते हैं। लेकिन घर के बाहर जो कहा जाता है, उसका ठीक उलट करते हैं। हमारी बात पर विश्‍वास न हो, तो गौर करके देखिएगा। अब इस लेख को ही लीजिए, हमने शीर्षक में ही कहा है, मत पढ़िए, पर आप पढ़ रहे हैं न....।

आप सबने कभी गौर किया है कि हमें उन कामों को करने में मजा आता है, जिन्हें करने की मनाही हो! यह मनुष्य का स्वभाव है कि जिस काम को मना किया जाए, उसे वह जरूर करेगा। बस में लिखा होता है “केवल महिलाओं के लिए।’’ लेकिन सीट पर अधिकतर पुरुष बैठे मिलते हैं। चाहे सामने गोद में बच्चा लिए कोई महिला ही क्यों न खड़ी हो। ट्रेन या फिर बसों में मोटे-मोटे शब्दों में लिखा होता है “धूम्रपान करना मना है।’’ पर इस चेतावनी से क्या लेना-देना। जिन्हें धूम्रपान करना है वो करते ही हैं। वहीं एक ओर लिखा होता है “यहाँ थूकना मना है।’’ पर इस चेतावनी के आस-पास गुटखे और पान की पीक नजर आती है। ‘यूज मी’ का खाली डिब्बा एक ओर पड़ा रहता है और उसके आस-पास कूड़ा-कचरा पड़ा रहता है। इस डिब्बे को इस्तेमाल करने की जेहमत कोई नहीं उठाता।

लाईब्रेरी में आपने देखा होगा कि चेतावनी लिखी होती है ‘शान्त रहिए’। पर वहाँ आने-जाने वाले इस बात को नजरअंदाज करते हुए शोर मचाते हैं। बहरहाल हमें जिन बातों की चेतावनी दी जाती है, उनका उल्लंघन हम विशेष रूप से करते हैं। जिन कामों को करने की मनाही होती है, उसे करने में विशेष आनन्द आता है। आत्मनिरीक्षण कीजिए। आपसे पहले ही यह निवेदन किया था कि इसे आप मत पढ़िए, लेकिन आप भी....। - प्रियंका मानवटकर

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