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पौषक तत्वों से परिपूर्ण है चुकन्दर

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Beet is Full of Nutritional Elements

चुकंदर का रस- इसके रस को पीने से न केवल शरीर में रक्त में हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है, बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। यदि आप इस सब्जी से नफरत करते हैं तो जरा एक बार इसके फायदों के बारे में जरूर पढ़ लें। शायद कम लोग ही जानते हैं कि चुकन्दर में लौह तत्व की मात्रा अधिक नहीं होती है। किन्तु इससे प्राप्त होने वाला लौह तत्व उच्च गुणवत्ता का होता है, जो रक्त निर्माण के लिए विशेष महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि चुकन्दर का सेवन शरीर से अनेक हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में बेहद लाभदायी है। ऐसा समझा जाता है कि चुकन्दर का गहरा लाल रंग इसमें लौह तत्व की प्रचुरता के कारण है। बल्कि सच यह है कि चुकन्दर का गहरा लाल रंग इसमें पाए जाने वाले एक रंगकण (बीटा सायनिन) के कारण होता है। एण्टी ऑक्सीडेंट गुणों के कारण ये रंगकण स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं।

ऊर्जा बढ़ाये : यदि आपको आलस्य महसूस हो रही हो या फिर थकान लगे तो चुकन्दर का जूस पी लीजिये। इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है जो पानी फोड़े, जलन और मुहांसों के लिए काफी उपयोगी होता है। खसरा और बुखार में भी त्वचा को साफ करने में इसका उपयोग किया जा सकता है।

पौष्टिकता से भरपूर- यह प्राकृतिक शर्करा का स्रोत होता है। इसमें कैल्शियम, मिनरल, मैग्नीशियम, आयरन, सोडियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, आयोडीन, और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन पाये जाते हैं। इसलिए घर पर इसकी सब्जी बनाकर अपने बच्चों को जरूर खिलाएं।

हृदय के लिए- चुकन्दर का रस हाइपरटेंशन और हृदय सम्बन्धी समस्याओं को दूर रखता है। चुकन्दर के रस का सेवन करने से व्यक्ति में रक्त संचार काफी बढ़ जाता है। रक्त की धमनियों में जमी हुई चर्बी को भी इसमें मौजूद बेटेन नामक तत्व जमने से रोकता है।

स्वास्थ्यवर्धक पेय- जो लोग जिम में जी तोड़ मेहनत करते हैं उनके लिये चुकन्दर का जूस बहुत फायदेमन्द है। इसको पीने से शरीर में ऊर्जा बढ़ती है और थकान दूर होती है। साथ ही अगर उच्च रक्तचाप हो गया हो तो इसे पीने से केवल एक घण्टे में शरीर नार्मल हो जाता है।

हृदयरोग में उपयोगी - चुकन्दर रक्तचाप कम करता है। हार्टअटेक और स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है। चुकन्दर में नाइट्रेट्स होते हैं, जो शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं और रक्तवाहिकाओं को डायलेट करते हैं और रक्तचाप कम करते है। चुकन्दर में मौजूद पोटेशियम स्ट्रोक से बचाने में मदद करता है। चुकन्दर के बीटासायनिन एल.डी.एल. कॉलेस्टेरोल को ऑक्सीडाइज होने से रोकते है, जिससे धमनियों की भित्तियों में फैट्स जमा नहीं हो पाते हैं और हार्ट अटेक और स्ट्रोक का जोखिम कम होता है। होमोसिस्ट्रीन रक्तवाहिकाओं को क्षतिग्रस्त करता है और बीटेन शरीर में होमोसिस्ट्रीन के स्तर को कम करता है।

डायबिटीज में सहयोगी - चुकन्दर में फैट्स बिलकुल नहीं होते और कैलोरी भी कम होती है। इसका ग्लायसीमिक इंडेक्स 64 (जो मीडियम माना जाता है) और ग्लायसीमिक लोड बहुत कम 2.9 होता है, जिसका मतलब है कि इसके कोर्बोहाइड्रेट बहुत धीरे ग्लूकोज में परिवर्तित होते हैं और इस तरह यह रक्तशर्करा के स्तर को स्थिर रखता है।

यकृत का रक्षक - चुकन्दर में विद्यमान बीटासायनिन निर्विषीकरण या शरीर के टॉक्सिन्स का उत्सर्जन करने में यकृत की बहुत सहायता करते हैं। बीटासायनिन रंग तत्व (Pigments) शरीर की फेज-2 डिटॉक्सीफिकेशन प्रक्रिया को प्रोत्साहित करते हैं। फेज-2 एक चयापचय क्रिया है जिसमें ग्लूटाथायोन-एस-ट्रांसफरेज एंजाइम तंत्र टॉक्सिन्स को निष्क्रिय और घुलनशील बना कर शरीर से विसर्जित करने में सहायता करता है। इसलिए चुकन्दर सर्वोत्तम डिटॉक्स भोजन है।

कैंसर में हितकारी - चुकन्दर ल्यूकीमिया और कैंसर के उपचार में बहुत प्रभावशाली पाया गया है। यह यकृत, गुर्दा, पित्ताशय, रक्त और लिम्फ का शोधन करता है। चुकन्दर में बीटालेन प्रजाति के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेट्री तत्व होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं का भक्षण करते हैं। बीटासायनिन डी.एन.ए. म्यूटेशन को बाधित करते हैं। इसमें एक बीटेन नाम का कैंसररोधी एमाइनो एसिड होता है। चुकन्दर में विद्यमान लाल रंग का तत्व शरीर में विशेष तरह के प्रोटीन्स का स्तर बढ़ाता है। कैंसर पैदा करने वाले टॉक्सिन्स को निष्क्रिय करके विसर्जन करता हैं।

चुकन्दर में बेटेन और ट्रिप्टोफेन नामक फील गुड तत्व होते हैं, जो शरीर में सिरोटोनिन तत्व का स्राव भी बढ़ाते हैं और मन को शान्त और प्रसन्न करते हैं, डिप्रेशन दूर करते हैं और मूड एलीवेटर का काम करते हैं।

चुकन्दर में बोरोन नामक तत्व पर्याप्त मात्रा में होता है, जो सीधा लैंगिक हार्मोन्स का निर्माण बढ़ाता है। इसलिए इसे प्राकृतिक कामोद्दीपक कहा जाता है। कई लोग इसे प्राकृतिक वियाग्रा मानते हैं। रोमन साम्राज्य में इसका ज्यूस कामोद्दीपक द्रव्य माना जाता था।

अन्य प्रयोग -
इसमें विद्यमान विटामिन-सी अस्थमा से बचाव करता है। बीटाकेरोटीन मोतियाबिन्द और मेक्यूलर डीजनरेशन से बचाकर रखता है। चुकन्दर में मौजूद फाइबर कब्ज में लाभ पहुंचाते हैं। स्वास्थ्य के साथ ही यह त्वचा के लिए भी बहुत उपयोगी है। चुकन्दर के रस को थोड़े से सिरके में मिलाकर सिर में लगाने से यह रूसी को दूर करता है। चुकन्दर का प्रयोग टमाटर के पेस्ट, सॉस, डेजर्ट्स, जैम, जेली, आइसक्रीम और मिठाई में रंग द्रव्य के रूप में प्रयोग किया जाता है। (दिव्ययुग- दिसंबर 2015)

वैधानिक सलाह / परामर्श - इन प्रयोगों के द्वारा उपचार करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से सलाह / परामर्श अवश्य ले लें। सम्बन्धित लेखकों द्वारा भेजी गई नुस्खों / घरेलु प्रयोगों / आयुर्वेदिक उपचार विषयक जानकारी को यहाँ यथावत प्रकाशित कर दिया जाता है। इस विषयक दिव्ययुग डॉट कॉम के प्रबन्धक / सम्पादक की कोई जवाबदारी नहीं होगी।

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