शिक्षण संस्थान जीवन निर्माण के केंद्र बनें, ना कि राजनैतिक अखाड़े
पिछले कई दिनों से जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में विवाद एवं हिंसा जारी है। दिव्ययुग के प्रधान संपादक डॉ. संजयदेव ने कहा है कि विश्वविद्यालय पढ़ाई और जीवन निर्माण के लिए होते हैं। शिक्षण संस्थाओं में हिंसा और नेतागिरी के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। देश के सत्ताधारियों से उन्होंने निवेदन किया है कि जेएनयू (JNU) सहित देश के सभी शिक्षण संस्थानों में राजनितिक गतिविधियों पर तुरंत रोक लगा देनी चाहिए तथा छात्रों को केवल पढ़ाई की ओर ध्यान देने का निर्देश देना चाहिए।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार दिनांक 6 जनवरी को कहा है कि जेएनयू हमले में शामिल नकाबपोश हमलावरों को जल्द ही बेनकाब किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि जेएनयू और देश के अन्य हिस्सों में हिंसा भड़काने के लिए जानबूझकर गलतफहमियां फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं और मुझे लगता है कि जेएनयू हमले में शामिल नकाबपोश लोग जल्द ही बेनकाब हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जेएनयू और देश के अन्य हिस्सों में हिंसा भड़काने के लिए जानबूझकर गलतफहमी पैदा की जा रही है। इसे भी उजागर किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को संयुक्त आयुक्त स्तर के एक अधिकारी से जांच कराने का आदेश दिया है और जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
हिंसा समाधान नहीं - जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हमले के बाद जेएनयू के वाइस चांसलर जगदीश कुमार ने कहा है कि घायल छात्रों से हमारी पूरी हमदर्दी है। हम नई शुरुआत करें। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं और हम उम्मीद करते हैं कि जितने भी छात्र हिंसा में जख्मी हुए हैं, वे जल्द ही स्वस्थ होंगे और सामान्य जिंदगी जियेंगे। जो भी हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। हमारा कैम्पस हर मुद्दे पर चर्चा और बहस के लिए जाना जाता है। हिंसा कोई समाधान नहीं है। हम लोग हर विकल्प देख रहे हैं, जिससे कैम्पस में स्थिति सामान्य हो।
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एफ आई आर दर्ज - दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने रविवार शाम जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा से एक दिन पहले यूनिवर्सिटी के सर्वर रूम में कथित रूप में तोड़फोड़ करने के मामले में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आयशी घोष और 19 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 1 जनवरी के मामले में भी एक एफआईआर दर्ज की गई है। दोनों मामलों में ही आयशी घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ये दोनों एफआईआर जेएनयू प्रशासन की तरफ से दर्ज कराई गई थी। जेएनयू में हुई हिंसा में कुछ छात्रों और शिक्षकों समेत 34 लोग जख्मी हुए हैं। इस हिंसा में आयशी घोष को सिर में चोट आई थी।
जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची जेएनयू - दिल्ली के जेएनयू में 5 जनवरी को हुई हिंसा मामले की जांच करने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची है। जांच करने के लिए 3 टीमें बनाई गई हैं। सूत्रों का कहना है कि जेएनयू मारपीट मामले की शुरूआती जांच के मुताबिक, लेफ्ट और एबीवीपी के कार्यकर्ता ही हिंसा में शामिल थे। उन्होंने चेहरे ढक रखे थे। इसके अलावा बाहर से भी लोगों को बुलाया गया था। उन लोगों की पहचान की जा रही है। इसके अलावा व्हाट्स एप चैट की पड़ताल हो रही है। इनमें जो लोग शामिल थे उनकी भी पहचान की जा रही है। प्रस्तुति - शीतेश आर्य एवं नितिन लकड़े