कभी-कभी मौसम में परिवर्तन के कारण या बेमौसम कुछ खाने में आ जाने से गले में दर्द, खराश या जुकाम की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में यदि आप गायन के पेशे से जुड़े हों तो और मुश्किल। स्वर स्पष्ट हों और आवाज साफ हो इसके लिए आजमाएँ कुछ खास घरेलू उपचार।
1. यदि किसी कारण से गले में दर्द हो तो नीम के कुछ पत्ते एक गिलास पानी के साथ पीस लें, छान लें। हल्का गर्म करें और थोड़ा शहद डालकर गरारे करें। जल्दी आराम होगा।
2. एक छोटा चम्मच नीम्बू का रस और एक बड़ा चम्मच शहद मिला लें। थोड़ी-थोड़ी मात्रा दिन में दो-तीन बार लें। इससे भी आराम मिलेगा।
3. यदि आवाज फट रही हो, तो एक छोटा चम्मच प्याज के रस को एक छोटा चम्मच शहद के साथ मिलाकर लें।
4. दो छोटे चम्मच सौंफ को जौ के पानी में उबालें और दिन में दो-तीन बार पिएं।
5. दो छोटे चम्मच कुटी हुई दालचीनी और एक छोटा चम्मच कुटी हुई छोटी इलायची के ऊपर एक गिलास उबलता हुआ पानी डालें। हल्का गर्म होने पर छानकर गरारे करें।
6. यदि आवाज में भारीपन हो, तो एक बड़ा चम्मच शहद के साथ छोटी इलायची के बीज मिलाएँ और प्रतिदिन खाएँ तो जल्द ही आराम होता है।
7. एक कप पानी में आठ-दस बादाम रातभर भिगोकर रखें। बाहरी छिलका उतार लें और आठ-दस साबुत कालीमिर्च के साथ एक कप पानी में पीस लें। छान लें और स्वादानुसार मिश्री डालकर दिन में एक बार पिएँ, तो आराम मिलता है।
8. यदि टॉन्सिल बढ़ गए हों और गला दर्द कर रहा हो, तो चाय में अदरक और तुलसी के पत्ते डालकर उबाल लें और दिन में दो-तीन बार गरारे करें।
9. पानी अधिक से अधिक पिएँ। अक्सर देखा गया है कि पानी की कमी से गले की परेशानी बढ़ जाती है।
10. दो बड़े चम्मच मैथीदाना 6 कप पानी में डाल लें। मन्दी आँच पर बीस मिनट तक उबाल लें। गरारे करने के लिए उतना ठण्डा कर लें, जिससे आपका गला न जले और इस घोल से दिन में दो-तीन बार गरारे कर लें।
11. आधा छोटा चम्मच शहद और आधा छोटा चम्मच नीम्बू का रस हर एक-दो घण्टे में लेते रहें।
12. दो-तीन कुटी हुई लौंग और दो कली लहसुन को एक कप शहद में डालें और एक-दो दिनों तक रखें। दिन में तीन बार खाएँ।
13. गले में दर्द के लिए मुलेठी का पेष्ट गले के चारों तरफ लगाएँ। इससे आराम मिलेगा।
14. एक कप दूध हल्का गर्म करें और उसमें एक-दो चुटकी हल्दी पावडर मिलाएँ। रात को सोते समय पिएँ।
15. यदि गले में कोई तकलीफ न हो, तो फिर भी मुलेठी को मुँह में डालकर चूसते रहने से आवाज मधुर व सुरीली होती है।
उपरोक्त नुस्खे अपनाकर आप गले की तकलीफों से छुटकारा पा सकते हैं और अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेर सकते हैं। हाँ, यदि किसी चीज से आपको एलर्जी हो या अन्य कोई तकलीफ हो, तो चिकित्सक के परामर्श के बाद ही उसे आजमाएँ।
घरेलू कामकाज की बातें
1. तांबे में सरसों का तेल लगाकर रख देने से जंग नहीं लगता।
2. प्लास्टिक की बाल्टी या किसी बर्तन में मिट्टी का तेल लगाकर थोड़ी देर धूप में रख देने से उसके थोड़ी देर बाद साबुन से धो देने पर बर्तन नया सा लगने लगता है।
3. दरवाजों के कब्जों या हैण्डिलों में सरसों का तेल लगा देने से जंग नहीं लगता। - डॉ. किरण रमण
वैधानिक सलाह / परामर्श - इन प्रयोगों के द्वारा उपचार करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से सलाह / परामर्श अवश्य ले लें। सम्बन्धित लेखकों द्वारा भेजी गई नुस्खों / घरेलु प्रयोगों / आयुर्वेदिक उपचार विषयक जानकारी को यहाँ यथावत प्रकाशित कर दिया जाता है। इस विषयक दिव्ययुग डॉट कॉम के प्रबन्धक / सम्पादक की कोई जवाबदारी नहीं होगी।
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