विशेष :

भारतीय संस्कृति

User Rating: 5 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Active
 

indian cultureहमारी संस्कृति का अभिधान है, ‘भारतीय संस्कृति’, इस पर हावी न हो पाए पाश्‍चात्य संस्कृति।
इस बात से रहना है हमें निरन्तर सजग,
भारतीय संस्कृति है वस्तुतः अध्यात्म प्रधान संस्कृति॥
भारतीय मनीषा का अभूतपूर्व अवदान है ’गीता’,
इसका आधारभूत सन्देश है ’कर्मवाद’ का सन्देश।
सम्पूर्ण संसार में सर्वप्रथम गया था यही सन्देश,
भारतासियों को भी आचरणीय बनाना है यही सन्देश॥
पश्‍चिम के नागरिकों का जीवन होता अनुशासित जीवन,
स्वावलम्बन तथा समय का सदुपयोग हैं उनके आधार।
निम्न से निम्न काम को भी वे करते हैं सोत्साह,
इन्हीं चार बिन्दुओ को बनाना है भारतीयों को जीवनाधार॥
सन्त कबीर, जायसी, गोस्वामी तुलसीदास, रहीमदास,
अयोध्यासिंह उपाध्याय, मैथिलीशरण, जयशंकर तथा महादेवी।
इनका साहित्य है नाना आदर्शों से परिपूर्ण,
आदर्श जीवन-दर्पण है ‘भारतीय संस्कृति’॥ - डॉ. महेशचन्द्र शर्मा

Indian Culture | Our Culture | Spiritual Cultures | Unprecedented Aid | Basic Message | Message of Empowerment | Disciplined Life | Good Use of Time | Literature | Perfect with Ideals | Ideal Life | Vedic Motivational Speech in Hindi by Vaidik Motivational Speaker Acharya Dr. Sanjay Dev for Kakching - Tiptur - Jintur | News Portal - Divyayug News Paper, Current Articles & Magazine Kakdihi - Tirodi - Kabnur | दिव्ययुग | दिव्य युग


स्वागत योग्य है नागरिकता संशोधन अधिनियम
Support for CAA & NRC

राष्ट्र कभी धर्म निरपेक्ष नहीं हो सकता - 2

मजहब ही सिखाता है आपस में बैर करना

बलात्कारी को जिन्दा जला दो - धर्मशास्त्रों का विधान