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होली का आनन्द उठाइये, मगर सम्भलकर

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holiपर्व कोई भी हो वह अपने साथ प्रसन्नता तथा उमंग लेकर आता है। होली एक ऐसा ही उत्सव है, जो लोगों के दिलों में प्रेम भाव तथा रंग भर देता है। होली के रंगों में भला कौन नहीं सराबोर हो जाना चाहता! किन्तु क्या आप जानते हैं कि ये रंग आपकी त्वचा को हानि भी पहुंचा सकते हैं। यदि आप रंग खेलने से पूर्व कुछ सतर्कता बरतें तथा सही रंगों का चुनाव करें, तो त्वचा के प्रभावित होने से बच सकते हैं।

होली मन की कलुषता को धोकर रिश्तों में नया जोश भरने वाला इन्द्रधनुषी पर्व है। अगर इसकी सुखद भावना को ख्याल में रखकर इस पर्व का स्वागत किया जाए तथा इस भावना के साथ दूसरे को रंग या गुलाल लगाया जाए कि उसके साथ स्नेह और रिश्ते मजबूत हो सकें तो होली से ज्यादा शानदार, खुशनुमा दूसरा कोई पर्व नहीं।

ऐसा नहीं कि रंग डालना या गुलाल लगाना कोई अशोभनीय बात है। लेकिन यदि मन की दमित इच्छाएं होली के माध्यम से पूरी करने का इरादा रखा जाए तो सचमुच गलत है।

होली सदा इस तरह से मनानी चाहिए कि किसी को किसी भी प्रकार का कष्ट न हो और सभी प्रसन्न होकर पर्व का पूरा आनन्द उठा सकें। होली के दिन अच्छे कपड़ों की जगह इस्तेमाल न आने वाले कपड़े ही धारण करें। अच्छा होगा कि आप गहरे रंग के कपड़े धारण करें।

इन दिनों रंगों के पेष्ट यानी गाढे धुले रंगों का प्रचलन प्रारम्भ हो गया है, जिसे हाथ में मलिए तथा दूसरे का चेहरा पोत डालिए। यह रेडिमेट पुताई महिलाओं विशेषतौर से युवतियों में काफी लोकप्रिय है। होली के अवसर पर दो प्यार भरे हाथ आपका चेहरा सहलाएं तो कोई विरोध नहीं, मगर इन हाथों पर यदि रेडीमेट रंग लगा हो तो बचिए। आजकल के फैशन में महिलाएं अपने हाथों के नाखून बढ़ाए रखती हैं। होली में उंगलियों का यही सौन्दर्य हथियार बनकर आँखों तथा चेहरे को घायल करता है।

अगर आपको कोई रंग लगा रहा है तो चेहरे पर रंग लगवाने से बचें, किन्तु यदि ऐसा न हो पाए तो अपनी आँखें तथा मुंह भली-भाँति बन्द कर लें, जिससे रंग आपकी आँखों तथा स्वास्थ्य को कोई नुकसान न पहुंचाए। आँखों की सुरक्षा के लिए धूप का चश्मा पहनें।

मिलावटी व घटिया किस्म के रंग त्वचा तथा बालों पर प्रतिकूल असर डालते हैं। इसलिए होली खेलने से पूर्व त्वचा पर वैसलीन अथवा कोई अच्छी कोल्ड क्रीम लगा लें। बालोें में तेल लगाकर सिर पर टोपी, तौलिया, साड़ी, दुपट्टा आदि रख लेना चाहिए। ऐसा करने से पक्के तथा घटिया रंगों का असर प्रत्यक्ष बालों पर नहीं पड़ेगा। प्रयास यही करें कि जैसे ही कोई सूखा रंग आप पर डाले आप उसे साफ कपड़े से झाड़ दें। बार-बार मुंह जल से न धोयें।

दूसरे जो रंग लगा रहे हैं, उस पर आपका अंकुश भले न हो, किन्तु आप खुद हर्बल रंग ही प्रयोग करने का प्रयास करें। अगर जल की होली खेलने का मन है, तो महकदार हर्बल रंग गरम जल में तैयार करें। जिनके ऊपर यह खुशबूदार गुनगुना रंगीन जल गिरेगा, वे आपकी होली को भूल नहीं पाएंगे।

रंग लगे चेहरे पर साबुन का इस्तेमाल न करें। इससे त्वचा और रुखी हो जाएगी। रंग छुड़ाने के लिए हरदम बेसन तथा दूध का मिश्रण तैयार कर उससे त्वचा की सफाई करें। कार में यात्रा करते वक्त उसकी खिड़कियाँ बन्द कर लें। होली वाले दिन सोने-चाँदी या बहुमूल्य धातु के आभूषण न पहनें। - डॉ. हनुमान प्रसाद उत्तम

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