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अमरूद के गुण-उपयोग

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समस्त भारत में अमरूद की उनके प्रजातियां पायी जाती है। इसमें शर्करा, कैल्शियम व आक्जलेट सहित विटामिन की खान होने के कारण अत्यंत ठंडा पौष्टिक व स्वादिष्ट अमरूद का फल संपूर्ण भारत में पाया जाता है।

अर्श-भगंदर (बवासीर) - २५० ग्राम अमरूद का खाली पेट सुबह सेवन बवासीर में लाभकारी होता है।

एसिडिटी - एक-एक ठंडा अमरूद दिन में तीन बार प्रतिदिन १५ दिनों तक सेवन करने से एसिडिटी ठीक हो जाती है।

खांसी - १००-२०० ग्राम पका अमरूद लेकर आग पर सेंक कर दिन में दो बार खाने से खांसी ठीक हो जाती है।

चर्मरोग - पके अमरूद का २०० ग्राम की मात्रा में दिन में चार बार सेवन लाभकारी है।

दंत-शूल - अमरूद के पत्तों को पान की तरह चबाने से लाभ होता है।

पेट दर्द - १० से २० मि.ली. अमरूद के पत्तों का रस निकालकर इसमें ५० मि.ली. जल मिलाकर पांच बार पिने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।

प्रतिश्याय (जुकाम) - २०० ग्राम पका अमरूद लेकर उसमें दो ग्राम काला नमक मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से जुकाम ठीक हो जाता है।

मलेरिया - २५० ग्राम पका अमरूद लेकर उसके बीज निकाल दें। इसमें ३-३ ग्राम काली मिर्च पाउडर व काला नमक मिलाकर प्रातः साय लेने से मलेरिया रोग में आराम मिलता है।

मुंह के छाले - एक नग अमरूद का अधपका पता लेकर उसमें से दो ग्राम कत्था का चूर्ण डालकर पान की तरह चबाकर चूसें। मुंह के छले ठीक हो जाएंगे।

विसूचिका (हैजा) - दस ग्राम अमरूद की छाल का चूर्ण लेकर इसमें बीस मि.ली. पानी डालकर ५० मि.ली. रह जाने तक उबाले लें फिर छान लें। इसकी १५ मि.ली. मात्रा का दिन में छः बार सेवन हैजा में लाभ देता है।

संग्रहणी - अमरूद की कोपल का बीस मि.ली. काढ़ा बनाकर इसमें दो ग्राम काला नमक मिलाकर दी में चार बार से कुछ ही दिनों में संग्रहणी ठीक हो जाती है।

वैधानिक सलाह / परामर्श - इन प्रयोगों के द्वारा उपचार करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से सलाह / परामर्श अवश्य ले लें। सम्बन्धित लेखकों द्वारा भेजी गई नुस्खों / घरेलु प्रयोगों / आयुर्वेदिक उपचार विषयक जानकारी को यहाँ यथावत प्रकाशित कर दिया जाता है। इस विषयक दिव्ययुग डॉट कॉम के प्रबन्धक / सम्पादक की कोई जवाबदारी नहीं होगी।


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