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जीवाणुनाशक भी लहसुन

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हजारों वर्ष से लहसुन का प्रयोग चीन, जापान, रोम, भारत, मिश्र, बेबीलोन अदि में किया जाता रहा है। इन देशों के निवासियों का मानना है कि लहसुन द्वारा फेफड़ों, पेट का फूलना, पेट में कीड़ा, श्र्वास संबंधी संक्रमण, त्वचा रोग, चोट आदि व्याधियों का उपचार किया जा सकता है। रूढ़िवादियों का विश्वास है कि लहसुन पापदृष्टि, भूत पिशाच, डायन अदि को भागता है। साथ ही यह भी मानते है कि यह शरीर की किसी भी व्याधि के लिए रामबाण से कम नहीं है और अब विश्वस्तर पर शोध करने के पश्चात् यह प्रमाणित हो चूका है की प्रकृति का यह तोहफा जीवाणुनाशक है। यही नहीं यह फफूंद विरोधी भी होता है। लहसुन के अंदर २२ गुण समाहित होते हैं। यह एक दर्दनिवारक औषधि एनोडाइन की भंति कार्य करता है। यह दमविरोधी है अर्थात् दमा के आक्रमण होने से यह बचाव करता है। यह मधुमेह विरोधी भी है। बुखार के समय यह किसी बुखार की औषधि से कम लाभकारी नहीं होता है। लहसुन फफूंद विरोधी है। शरीर की रक्षा करता है, जो शरीर के विकसित हो रही पथरी को रोकता है तथा न्यूनतम ज्वर को शांत करता है। यह कामोद्दीपक, रक्तस्त्राव विरोधी, एंटीसेप्टीक, मरोड़ अथवा ऐंठन विरोधी है। यह त्वचा को मुलायम करता है तथा जमा हुआ कफ निकालता है। यह छाती के रोगों में भी लाभकारी है। या यूं कहिये कि लहसुन किसी भी प्रकार के रोगों से व्यक्ति को मुक्ति दिलाता है। लहसुन के नियमित उपयोग से आप बढती उम्र में भी युवापन का अहसास करते है। शरीर को पुरुषार्थ प्रदान करता है। यह भूख बढ़ता है, शरीर के अंदर एकत्र मवाद को बाहर निकालता है, आंत के कीड़ों को निकलता है तथा घावों को शीघ्र भरता है।

लहसुन इन व्याधियों से भी शरीर की रक्षा करता है, जैसे कील मुहांसे, अम्लता, एनीमिया, एलर्जी, अपेंडिसायटिस, जाड़ों की सूजन, कुत्ते के काटने, मूत्राशय की शिकायतें व तकलीफ व रक्तदाब। ताजा लहसुन (दो माह पुराना लहसुन नहीं) ही चिकित्सा में लाभकारी है।

प्रतिदिन एक लहसुन को चबा-चाबरक खाया जाये तथा उसके अर्क से तैयार शर्बत का नियमित सेवन किया जाये तो सभी बिमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। प्राचीन रोम और यूनान में लोगों का मानना था कि लहसुन से तैयार रस के सेवन से पुरुष के पुरुषार्थ में वृद्धि होती थी। कुछ देशों के लोग लहसुन को एक बहुत शक्तिशाली संपत्ति के रूप में मानते हैं और इसकी गंध से सांप तथा बिच्छू भाग जाते हैं।

प्रतिदिन एक या दो कली लहसुन के नियमित सेवन करे से शरीर में चर्बी का जमानव नहीं होता है। लहसुन कोलेस्टेराल को बढ़ता है। तेमंड में यह लिखा है कि लहसुन का सेवन भूख को बढ़ाता है तथा मस्तिष्क को सक्रियता प्रदान करता है। चेहरे के सौन्दर्य को बरकरार रखता है।

लहसुन यहूदियों के समय से ही खाने का एक विशेष और आवश्यक भाग रहा है। लहसुन के बारे में माना जाता है कि यह शरीर को गर्मी, ताजगी प्रदान करता है।

वैधानिक सलाह / परामर्श - इन प्रयोगों के द्वारा उपचार करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से सलाह / परामर्श अवश्य ले लें। सम्बन्धित लेखकों द्वारा भेजी गई नुस्खों / घरेलु प्रयोगों / आयुर्वेदिक उपचार विषयक जानकारी को यहाँ यथावत प्रकाशित कर दिया जाता है। इस विषयक दिव्ययुग डॉट कॉम के प्रबन्धक / सम्पादक की कोई जवाबदारी नहीं होगी।


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