Call Now : 8120018052, 9302101186 | MAP
     
विशेष सूचना- Arya Samaj तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall. For More information contact us at - 09302101186
arya samaj marriage indore india legal
all india arya samaj marriage place

स्वाध्याय की आवश्यकता

बार बार पाठ करने से ही सिद्धान्त की जानकारी होती है। सरसरी निगाह से देखने पर कुछ पता नहीं लगता। सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका और  संस्कारविधि का अनेक बार गम्भीरतापूर्वक अध्ययन करना होगा, अन्यथा कमजोरी ही बनी रहेगी। जैसे एक छात्र किसी विषय को ध्यान से नहीं पढता, तो वह विषय उसके लिये दुरूह बना रहता है। कठिन और सरल कुछ नहीं होता। यह सावधानीपूर्वक अध्ययन पर निर्भर है। सिद्धान्त को बिना समझे व्यवहार में नहीं लाया जा सकता। यदि हम ऋषि के प्रति अपना कुछ कर्तव्य समझते हैं, तो हमें अपना कुछ समय ऋषिकृत ग्रंथों के स्वाध्याय में लगाना ही होगा। स्वाध्याय के लिये हम किन ग्रंथों पढें, इसके लिए सत्यार्थप्रकाश का तीसरा समुल्लास ध्यान से पढना चाहिए।•

Only by reading it again and again can we understand the principle. Nothing can be understood by looking at it superficially. Satyarth Prakash, Rigvedadibhashyabhumika and Sanskarvidhi have to be studied seriously many times, otherwise the weakness will remain. For example, if a student does not study a subject carefully, then that subject remains difficult for him. Nothing is difficult or easy. It depends on careful study. Principles cannot be put into practice without understanding them. If we consider it our duty towards the sage, then we must spend some time in self-study of the texts written by the sage. To know which texts we should read for self-study, the third chapter of Satyarth Prakash should be read carefully.

The Need for Self Study | Arya Samaj 8120018052 | Divya Yug | All India Arya Samaj | Vedic Pandits Helpline | Arya Samaj Marriage | Arya Samaj Pandits for Vastu Shanti Havan | Gayatri Marriage | Marriage by Arya Samaj | Arya Samaj | Arya Samaj Marriage Booking | Court Marriage Helpline | Arya Samaj Pandits Helpline | Hindu Marriage Helpline | Marriage by Arya Samaj Mandir | Arya Samaj All India | Marriage Booking | Vastu Correction Without Demolition | Arya Samaj Mandir Shadi | Arya Samaj Pandits for Pooja | Gayatri Mandir

  • स्वाध्याय की आवश्यकता

    स्वाध्याय की आवश्यकता बार बार पाठ करने से ही सिद्धान्त की जानकारी होती है। सरसरी निगाह से देखने पर कुछ पता नहीं लगता। सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका और  संस्कारविधि का अनेक बार गम्भीरतापूर्वक अध्ययन करना होगा, अन्यथा कमजोरी ही बनी रहेगी। जैसे एक छात्र किसी विषय को ध्यान से नहीं पढता, तो वह विषय उसके लिये दुरूह बना रहता है। कठिन और...

    Read More ...

Copyright @ 2023. All Rights Reserved. divyayug.com