युवा पीढ़ी
भारत की शालीनता एवं सभ्यता की संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए मानवीय एवं संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करना प्रत्येक भारतीय का प्रथम कर्तव्य है। भारत की युवा पीढ़ी का दायित्व है कि इस कर्तव्य के निर्वहन में हमेशा तत्पर रहें एवं भारत की गौरवशाली परंपरा को जीवित रखने में सार्थक भूमिका निभाएँ। सच्ची भारतीयता इसी परंपरा के परिपालन में है। सर्वधर्म समभाव एवं सामाजिक सहिष्णुता भारत की हमेशा से नीति रही है, जिसको आत्मसात् करना ही सच्ची राष्ट्रभक्ति एवं सच्चा राष्ट्रप्रेम है। इसीलिए युवावर्ग को अपनी राष्ट्रभक्ति एवं राष्ट्र के प्रति अपनी कर्त्तव्यपरायणता की प्रगति हमेशा दृढ़ रखने चाहिए एवं भारत के विश्व शांति का पक्षधर होने के प्रमाणस्वरूप अपने उदाहरण को स्थापित करना चाहिए।
It is the first duty of every Indian to protect human and constitutional values while advancing India's culture of decency and civilization. It is the responsibility of the young generation of India to always be ready to discharge this duty and play a meaningful role in keeping the glorious tradition of India alive. True Indianness lies in following this tradition. Sarva religion equanimity and social tolerance has always been the policy of India, to imbibe which is true patriotism and true patriotism. That is why the youth should always keep the progress of their patriotism and devotion towards the nation firm and set their example as a proof of India's being in favor of world peace.
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स्वाध्याय की आवश्यकता बार बार पाठ करने से ही सिद्धान्त की जानकारी होती है। सरसरी निगाह से देखने पर कुछ पता नहीं लगता। सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका और संस्कारविधि का अनेक बार गम्भीरतापूर्वक अध्ययन करना होगा, अन्यथा कमजोरी ही बनी रहेगी। जैसे एक छात्र किसी विषय को ध्यान से नहीं पढता, तो वह विषय उसके लिये दुरूह बना रहता है। कठिन और...