व्यवहारकुशलता व पारस्परिक तालमेल
व्यवहारकुशलता व पारस्परिक तालमेल, दोनों में आपस में घुले-मिले हैं। जो व्यवहारकुशलता के सूत्रों को जानते हैं, वही परस्पर तालमेल बैठा सकते हैं। इसी तरह जिन्हें परस्पर तालमेल की कला मालूम है, वही व्यवहारकुशलता निभा पाते हैं। जीवन के लिए इन दोनों की जरूरत है। जीवन-साधना का सारा खाँचा-ढाँचा इन्हीं के सहारे टिका हुआ है। इसमें थोड़ी-सी गड़बड़ी सारे जीवनक्रम को उलट-पलटकर रख देती है।
Efficiency and mutual co-ordination, both are mixed with each other. Only those who know the sources of efficiency can harmonize with each other. In the same way, those who know the art of mutual coordination, they are able to perform it efficiently. Both of these are needed for life. The whole structure of life's practice rests on these. A little mistake in it can turn the whole life cycle upside down.
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स्वाध्याय की आवश्यकता बार बार पाठ करने से ही सिद्धान्त की जानकारी होती है। सरसरी निगाह से देखने पर कुछ पता नहीं लगता। सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका और संस्कारविधि का अनेक बार गम्भीरतापूर्वक अध्ययन करना होगा, अन्यथा कमजोरी ही बनी रहेगी। जैसे एक छात्र किसी विषय को ध्यान से नहीं पढता, तो वह विषय उसके लिये दुरूह बना रहता है। कठिन और...