बच्चों के कोमल मन
बच्चों के कोमल मन पर शिक्षक के चरित्र और आचार-व्यवहार की गहरी छाप पड़ती है। अपनी सादगी, सज्जनता, सहनशीलता, सत्यनिष्ठा, सद्व्यवहार आदि से स्त्री बालक की उत्कृष्टता की ओर, चरित्र-निर्माण की ओर सतत रूप से बढ़ने की प्रेरणा दे सकती है। आज समाज का नैतिक मूल्यों पर से विश्वास हट गया है, परिणामतः सर्वत्र अशांति और अव्यवस्था छाई है। नारी का प्राथमिक कर्त्तव्य परिवार और समाज में नैतिक मूल्यों पर श्रद्धा-आस्था उत्पन्न करना है; जिससे समाज का वातावरण श्रेष्ठ बनाया जा सके।
The soft mind of the children has a deep imprint on the character and conduct of the teacher. With her simplicity, gentleness, tolerance, integrity, good behavior, etc., a woman can inspire the child to grow continuously towards excellence, towards character building. Today society has lost faith in moral values, as a result there is unrest and disorder everywhere. The primary duty of a woman is to instill faith in the moral values in the family and society; So that the environment of the society can be made the best.
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स्वाध्याय की आवश्यकता बार बार पाठ करने से ही सिद्धान्त की जानकारी होती है। सरसरी निगाह से देखने पर कुछ पता नहीं लगता। सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका और संस्कारविधि का अनेक बार गम्भीरतापूर्वक अध्ययन करना होगा, अन्यथा कमजोरी ही बनी रहेगी। जैसे एक छात्र किसी विषय को ध्यान से नहीं पढता, तो वह विषय उसके लिये दुरूह बना रहता है। कठिन और...