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तन-मन की थकान
जीवनयात्रा में तन-मन की थकान स्वाभाविक है। अधिक श्रम, पारिस्थितिकी दबाव या तनाव के कारण शरीर व मन पर अत्यधिक खिंच-तान करने की स्थिति में हमारी दैनिकचर्या प्रभावित होती है। इसके लिए विश्राम की आवश्यकता पड़ती है। जीवन-साधना में नींद के साथ विश्राम तन-मन को तरोताजा कर देता है और कार्य को एकाग्रचित होकर करना संभव बनाता है। इसलिए जीवनशैली में विश्राम को स्थान देना महत्वपूर्ण हो जाता है।

Fatigue of body and mind is natural in the journey of life. Due to excessive exertion, ecological pressure or stress, our daily routine gets affected due to excessive strain on the body and mind. This requires rest. Relaxation with sleep in the practice of life refreshes the body and mind and makes it possible to do the work with concentration. Therefore, it becomes important to place relaxation in the lifestyle.

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  • स्वाध्याय की आवश्यकता

    स्वाध्याय की आवश्यकता बार बार पाठ करने से ही सिद्धान्त की जानकारी होती है। सरसरी निगाह से देखने पर कुछ पता नहीं लगता। सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका और  संस्कारविधि का अनेक बार गम्भीरतापूर्वक अध्ययन करना होगा, अन्यथा कमजोरी ही बनी रहेगी। जैसे एक छात्र किसी विषय को ध्यान से नहीं पढता, तो वह विषय उसके लिये दुरूह बना रहता है। कठिन और...

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